केरल का नाम बदलने को लेकर राज्य की विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित कर दिया गया है। सीएम विजयन ने ये प्रस्ताव पेश किया और मांग की कि केरल का नाम बदल केरलम कर दिया जाए। तर्क दिया गया कि मलायम भाषा में ‘केरलम’ ही कहा जाता है, ऐसे में राज्य का नाम भी यही होना चाहिए। अभी के लिए सिर्फ विधानसभा से ही प्रस्ताव पारित हुआ है, अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम विजयन ने कहा, इस सदन में नियम 118 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में हमारे राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर ‘केरलम’ किया जाए।
मलयालम भाषा में ‘केरलम’ सबसे स्वीकृत और आम उपयोग वाला शब्द है। राज्य को आम तौर पर आधिकारिक रिकॉर्ड, विशेष रूप से अंग्रेजी में, ‘केरल’ कहा जाता है। संविधान की पहली अनुसूची में भी राज्य का नाम ‘केरल’ दर्ज है। मुख्यमंत्री ने कहा, मलयालम में हमारे राज्य का नाम ‘केरलम’ है। 1 नवंबर, 1956 को राज्यों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया गया था। 1 नवंबर को ‘केरलप्पिरवी’ दिवस भी मनाया जाता है।
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी शहरों, मोहल्लों और चौराहों का नाम बदला जा चुका है। यूपी की योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है तो वहीं एमपी सरकार ने होशंगाबाद जिले का नाम बदलकर नर्मदापुरम कर दिया है। इसके साथ ही यूपी सरकार नवाबों के शहर लखनऊ के नाम में भी बदलाव कर सकती है।