विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में लगातार दूसरे दिन बुधवार को चर्चा हुई। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र और मोदी सरकार पर निशाना साधा।
केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उसका काम करने का तरीका देश को खतरे में डाल रहा है और सरकार को नफरत छोड़कर, मुहब्बत की बात करनी होगी। फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि हमें पाकिस्तानी मत कहिए। कब तक शक करेंगे कि हम पाकिस्तानी हैं। हम वतन के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे । हमें गले लगाइए । हमने भी गोलियां खाई हैं ताकि हिंदुस्तान जिंदा रहे। हमें भारत का नागरिक होने पर गर्व है।
आगे फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने कहा कि हमें इस राष्ट्र का हिस्सा होने पर गर्व है। लेकिन इस राष्ट्र की जिम्मेदारी न केवल हिंदुओं के प्रति है, बल्कि भारत में रहने वाले हर व्यक्ति के प्रति है। प्रधानमंत्री केवल एक रंग का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, वह भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं…आप पिछले 10 वर्षों में कितने कश्मीरी पंडितों को वापस लाए हैं?…यह मत कहो कि हम भारत का हिस्सा नहीं हैं। हम इस राष्ट्र का हिस्सा हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम पड़ोसी के साथ दोस्ती में रहें तो दोनों तरक्की करेंगे। अब्दुल्ला ने सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा, यह बात आपके नेता ने कही थी। आप इसे मानें य न मानें। आपमें दम है तो युद्ध कर लीजिए। हम नहीं रोक रहे। हम कभी नहीं रोकते।
राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पलटवार भी किया। उन्होंने कहा, वह बोले कि हिंदुस्तान की इतनी बड़ी ताकत है, कोई पड़ोसी हमसे लड़ने की हिम्मत नहीं कर सकता। आज पूरे हिंदुस्तान की जनता को पीएम मोदी और देश पर गर्व है। यह कहना कि इस सरकार ने कश्मीरी पंडित हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया, गलत है और सदन को गुमराह कर रहा है।