नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर दूसरी बार आज रात 8 बजे को देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए देश की जनता बधाई के पात्र है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज रात (24 मार्च) 12 बजे से देश के हर हिस्से में लॉकडॉउन किया यह लॉकडाउन 21 दिनों तक होने जा रहा है। उन्होंने कहा यह एक तरह का कर्फ्यू ही है। यह कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा। कोरोना महामारी को रोकने के लिए यह लॉकडाउन जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 22 मार्च को हमने जनता कर्फ्यू का जो संकल्प लिया था, एक राष्ट्र के नाते उसकी सिद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया।
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बच्चे, बुजुर्ग, गरीम-मध्यम हर वर्ग लोग परीक्षा की इस पल में साथ आए। जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी से सफल बनाया। जनता कर्फ्यू ने बता दिया कि जब देश और मानवता पर संकट आता है तो हम सभी भारतीय मिलकर एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं। आप सभी जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए बधाई के पात्र हैं।
पीएम मोदी ने कहा दुनिया के समर्थ देशों को भी इस महामारी ने बेबस कर दिया है। ऐसा नहीं है कि हमारा देश प्रयास नहीं कर रहा है, या हमारे पास संसाधनों की कमी है।
वास्तविकता यह है कि कोरोना वायरस जिस तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद चुनौती में वृद्धि होती ही जा रही है। इन देशों के दो महीने के अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष निकल रहा है।
विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि इस कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एक मात्र विकल्प है, ‘सामाजिक दूरी’, यानी एक दूसरे से दूरी बनाकर अपने घरों में रहना है। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई और उपाय नहीं है।
पीएम ने कहा कि कोरोना को अगर फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण की साइकिल को तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सामाजिक दूरी केवल मरीज के लिए है। ये सोचना सही नहीं है।
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सामाजिक दूरी हर नागरिक और परिवार के लिए है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच आपको और आपके माता-पिता, बच्चों, परिवार, दोस्तों और आगे चलकर पूरे देश को बहुत विकट मुश्किल में झोंक देगी।
अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह कीमत कितनी बड़ी होगी इसका अंदाजा लगाना भी बहुत मुश्किल है। पिछले दो दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन किया गया है। राज्य सरकारों के इस प्रयास को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।