आज मीडिया में एक खबर को देखने के बाद जहाँ मुझे बहुत मायूसी हुई तो वहीं दूसरी तरफ मन में सवाल उठा कि आखिर इस तरह की घटनाएं क्यों देखने को मिल रही है। ज़ब से ये खबर मीडिया में देखी है उसके बाद से दिल में अजीब तरह की बेचैनी है और कहीं ना कहीं उदासी का माहौल है। मैं अपने आपसे सवाल कर रहा हूं कि आखिर क्यों?
क्यों आखिर आज समाज में एक दूसरे के बीच नफरत की खाई बढ़ रही है? आखिर क्या वजह है कि इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है? आखिर क्यों नमाज़ को लेकर विवाद हो रहे हैं? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब मेरे पास नहीं है।
दरअसल गुजरात यूनिवर्सिटी में कुछ विदेशी मुस्लिम छात्र देर रात विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल में नमाजे़-ए-तरावीह अदा कर रहे थे, इसी दौरान करीब 20-25 लोग हॉस्टल में आते हैं और उन्हें नमाज़ पढ़ने से रोकते हैं। बात इतनी बढ़ गई कि कई छात्र घायल हुए और उन विदेशी छात्रों के कमरों में तोड़फोड़ भी की गई। हालांकि इस मामले में गुजरात पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस बीच कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला और पूर्व विधायक ग्यासुद्दीन शेख़ भी मौके़ पर पहुंचे और अस्पताल में भर्ती छात्रों से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने घटना की निंदा की है और गुजरात पुलिस और सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
पूर्व विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने इस घटना के बारे में एक्स पर लिखा, मैं और विधायक इमरान खेड़ावाला लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष भारत में वसुधैव कुटुंबकम का नारा बुलंद करने वाले लोगों के शासन में गुजरात विश्वविद्यालय के विदेशी मुस्लिम छात्रों पर हमले के मामले में न्याय की मांग करते हैं।
NDTV के खबर के मुताबिक पीड़ित छात्रों ने कहा है कि अहमदाबाद स्थित कैंपस में कोई मस्जिद नहीं है, इसलिए वे तरावीह की नमाज़ अदा करने के लिए छात्रावास के अंदर इकठ्ठा हुए थे। छात्रों ने आरोप लगाया है कि इसके तुरंत बाद, लाठियों और चाकुओं से लैस एक भीड़ ने छात्रावास पर धावा बोल दिया और उन पर हमला किया व उनके कमरों में तोड़फोड़ की। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के सुरक्षा गार्ड ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन वो असफल रहे।
अफगानिस्तान के एक छात्र ने कहा कि भीड़ में शामिल लोगों ने नारे लगाए और उनसे पूछा कि उन्हें छात्रावास में नमाज़ पढ़ने की अनुमति किसने दी? उन्होंने कमरों के अंदर भी हम पर हमला किया। उन्होंने लैपटॉप, फोन तोड़ दिए और बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया। छात्र ने बताया कि पांच घायल छात्रों में अफगानिस्तान, श्रीलंका और तुर्कमेनिस्तान से एक-एक और अफ्रीकी देशों से दो छात्र शामिल हैं। जब तक पुलिस पहुंची तब तक भीड़ भाग चुकी थी। घायल छात्र अस्पताल में हैं और उन्होंने दूतावासों को सूचित कर दिया है।
अहमदाबाद सिटी पुलिस कमिश्नर जी. एस मलिक ने विवाद के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि कैंपस में ये झगड़ा नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, हॉस्टल के A ब्लॉक में 75 विदेशी विद्यार्थी रहते हैं। रात को 10.30 बजे हॉस्टल कैंपस में नमाज पढ़ रहे थे तभी 25 लोग बाहर से आए और उन्हें नमाज़ पढ़ने से रोकने लगे। इसी बात को लेकर झगड़ा और तोड़फोड़ शुरू हो गई।
वहीं इस घटना को लेकर गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति नीरजा गुप्ता ने कहा, अलग-अलग धर्म के कई देश के बच्चे गुजरात यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। शनिवार की रात को विदेशी छात्र और बाहर के कुछ लोगो के बीच संघर्ष हुआ जिसमें उन्हें चोट भी आई है। कुलपति ने कहा, यूनिवर्सिटी की तरफ से रात में ही FIR दर्ज करवा दी गई थी और सरकार की तरफ से भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने गंभीरता से पूरे मामले में जांच की है, यूनिवर्सिटी की तरफ से जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वो हम करेंगे।
इस घटना पर सवाल उठाते हुए AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कितनी शर्म की बात है। जब आपकी भक्ति और धार्मिक नारे तभी सामने आते हैं, जब मुसलमान शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करते हैं। जब आप मुसलमानों को देखकर बेवजह क्रोधित हो जाते हैं। यह सामूहिक कट्टरवाद नहीं तो क्या है? उन्होंने आगे कहा कि इस घटना में क्या पीएम मोदी और अमित शाह हस्तक्षेप करेंगे? ओवैसी के अलावा भी कई सामाजिक कार्यकर्त्ताओं समेत छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर सवाल खड़े किए हैं।
ये पहली घटना नहीं है जब नमाज को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो, इससे पहले भी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में जुमे की नमाज़ पढ़ते वक़्त दिल्ली पुलिस के SI द्वारा नमाजियों को लात मारने की घटना सामने आयी थी। इस तरह की घटना समाज के लिए बहुत खतरनाक है। हमें सोचना पड़ेगा कि हम किस तरह के समाज का निर्माण कर रहे हैं।
इसके अलावा सरकारों को भी इस तरह की घटनाओं को लेकर कड़े रुख़ अपनाने पड़ेंगे ताकि इस तरह के हरकत करने वालों के लिए कड़ा सन्देश जाए।
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