पूर्व विधायक अतीक अहमद और अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। अतीक की बहन नूरी की ओर से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें रिटायर्ड जज के नेतृत्व में इस मामले की जांच करवाने की अपील की गई थी। सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को फटकार लगाई है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस एस रविंद्र भट और अरविंद कुमार ने कहा कि इन मामलों में पुलिस की भी भूमिका हो सकती है। जजों ने कहा, अगर जेल में या पुलिस हिरासत में रहते किसी की हत्या हो तो यह व्यवस्था में लोगों के विश्वास को कमज़ोर करता है।
पीठ ने कहा, अतीक व उसके भाई को पांच से 10 लोग घेरकर चल रहे थे और उस पर निगरानी रख रहे थे। कैसे कोई आया और गोली मार दी? ऐसा कैसे हो गया? किसी की तो मिलीभगत है। पीठ ने गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की याचिका पर भी यूपी सरकार को नोटिस जारी किया। नूरी ने अपने भाइयों की हत्या की व्यापक जांच के लिए निर्देश देने की मांग की है।
गौरतलब है कि अतीक अहमद मामले में SIT चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, मामले में 3 लोगो को आरोपी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को मामले को टालने की मांग पर फटकार लगाई। यूपी सरकार ने कहा कि हम मामले में याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें बताएं कि NHRC के दिशानिर्देश क्या हैं क्योंकि आजकल देशभर में ऐसी घटना हो रही है।