पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से मणिपुर में हिंसा जारी है। इस हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। कुकी और मैतेई समुदाय के जातीय झड़प की चपेट में पुरुषों के साथ महिलाएं भी आ रही हैं। मणिपुर हिंसा पर संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
मणिपुर हिंसा पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रारंभिक वर्षों के दौरान अपनाई गई गलत नीति के चलते ही पूर्वोत्तर राज्य स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से आज हमारे क्षेत्र में मौजूद विभिन्न विवादों को हल करने में सक्षम नहीं है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीएम सरमा ने कहा कि वह साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि स्वतंत्रता के समय से उनके क्षेत्र में कई विवादों का हल इसलिए हो सका क्योंकि शुरुआती वर्षों में कांग्रेस पार्टी की ओर से गलत नीतियों को अपनाया गया। मुख्यमंत्री हिमंत शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर में समुदायों ने रातोंरात लड़ाई शुरू नहीं की, कांग्रेस इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे नगालैंड, मिजोरम, असम, मणिपुर हो या पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्र हों, कांग्रेस के हाथ खून से रंगे हुए हैं।
सरमा ने कहा कि फकरुद्दीन अली अहमद तेजपुर से इसलिए चले गए, क्योंकि उन्हें लगा कि अगले दिन चीनी सेना आने वाली है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी कोकराझार में सिर्फ एक घंटे के लिए आए। क्या आपको लगता है कि एक घंटे के दौरे से हीलिंग टच दिया जा सकता है?