पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 को लौटाने के लिए राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का कार्यकर्ता करार दे दिया। इस बिल का उद्देश्य मुख्य न्यायाधीश की शक्तियों को कम करना है, जिसमें स्वप्रेरणा और पीठों का गठन शामिल है।
पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक, राष्ट्रपति अल्वी की तरफ से इस विधेयक को लौटाए जाने के कई घंटों बाद प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट किया। ट्वीट में कहा कि, राष्ट्रपति अल्वी की तरफ से संसद से विधिवत रूप से पारित सुप्रीम कोर्ट के विधेयक को लौटाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है।
अल्वी ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान से सेना प्रमुख की नियुक्ति सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह मांगी थी। ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने कार्यों के माध्यम से अपने कार्यालय को नीचा दिखाया है क्योंकि वह संविधान और अपने कार्यालय से अधिक पीटीआई प्रमुख के आदेशों का पालन करते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब राष्ट्रपति अल्वी ने शहबाज शरीफ सरकार के किसी बिल को वापस लौटाया हो। इसके पहले भी वह कई बिल को वापस लौटा चुके हैं। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनावों को लेकर देश में गहराते राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच इस बिल को पिछले महीने संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी थी और सहमति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा था। अल्वी के कानून को मंजूरी देने से इनकार करने के बाद, सरकार के संसद के संयुक्त सत्र से इस विधेयक के पारित होने की संभावना है।