उत्तर प्रदेश: यूपी में जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे सरकार इसे रोकने के उपाय के साथ ही इलाज में भी तेजी दिखा रही है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए सभी प्रबंध किए जाएं। उन्होंने बताया है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां बड़ा राज्य होने पर भी सभी जनपदों में वेंटीलेटर की व्यवस्था कर ली गई है।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया भर्ती करने से पूर्व मरीज की मेडिकल स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की उचित व्यवस्था करने को कहा गया है। राज्य में आयुष्मान योजना से आच्छादित अस्पतालों को अनुदानित दर पर पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर आदि देने की व्यवस्था की जा रही है। लखनऊ के सीडीआरआई, आईआईटीआर, बीएसआईपी के साथ ही आईवीआरआई बरेली में कोरोना की मेडिकल टेस्टिंग शुरू करा दी गई है।
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आगरा से 15, लखनऊ में छह, गाजियाबाद में छह, मुरादाबाद में एक, मेरठ में दस, बरेली में एक, हापुड़ में सात, फिरोजाबाद में एक, बांदा में तीन, हाथरस में दो, रायबरेली में एक, बिजनौर में एक, मथुरा में दो, रामपुर में दो, संभल में एक, मैनपुरी में दो, गोंडा में दो, सुल्तानपुर में एक, अलीगढ़ में तीन, बलरामपुर में एक, सिद्धार्थनगर में तीन और अमेठी में दो कोरोना पाजिटिव के नए केस मिले हैं।
राज्य में अब तक कोरोना से 63 लोगों की मौत हो चुकी है। इलाज के बाद 1250 मरीज घर भेजे जा चुके हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमित 1759 मरीजों का इलाज प्रदेश में चल रहा है। अभी राज्य में 971 सैंपल की जांच रिपोर्ट आनी है।
सीएम योगी ने दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी, उनके भोजन-राशन, स्वास्थ्य परीक्षण व रोजगार के लिए चल रहे अभियान को और तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह देखें कि प्रवासी कामगार श्रमिक पैदल यात्रा कर प्रदेश में न आएं और उनकी घर तक सुरक्षित वापसी हो। उन्होंने विदेश से आने वाले लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग व क्वारंटीन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को टीम 11 के साथ लाकडाउन की स्थिति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कामगारों व श्रमिकों का दक्षता के हिसाब से रोजगार दिलाया जाएगा। उन्हें मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गौ-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबन्ध किया जाए।
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दुग्ध समितियों तथा पौध नर्सरी के माध्यम से भी रोजगार दिलाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों और इनके माध्यम से लोगों को उपलब्ध हो रहे रोजगार का विवरण संकलित किया जाए। महिला स्वयं सहायता समूह को मास्क निर्माण के साथ-साथ अचार, मुरब्बा, जैम, पापड़ आदि कार्यों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि घर भेजे जाने वाले कामगारों-श्रमिकों को राशन किट व 1000 रुपये का भरण पोषण भत्ता भी दिया जाए।