दिल्ली में जिस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को कोरोना लॉकडाउन में बंद नहीं किया गया था, लेकिन प्रदूषण के चलते अब उसे भी रोकना पड़ेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सरकार ने सारे स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इनमें केवल उन जगहों को छूट होगी, जहां पहले से परीक्षाएं हैं। हालांकि, निर्माण स्थलों पर काम 14 से 17 नवंबर तक बंद रहेगा उसके बाद सरकार आगे की स्थिति पर निर्णय लेगी।
इस दौरान जब उनसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट निर्माण कार्य पर सवाल पूछे गए तो गोपाल राय ने साफ कहा कि दिल्ली के अंदर जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, वह सब बंद रहेंगे। छोटे-बड़े निर्माण कार्य, केंद्र और दिल्ली सरकार या फिर निजी और MCD के कार्य, सभी तरह के निर्माण कार्य बंद रहेंगे।
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दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट से निपटने को शनिवार को कई आपात उपायों की घोषणा की गई जिनमें एक सप्ताह के लिए स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम) शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी से सुधरकर ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में पहुंच गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 312, 368, 301 और 357 दर्ज किया गया।
वायु प्रदूषण की जानकारी देने वाले ‘समीर’ ऐप के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया। दिल्ली में लोधी रोड, पूसा रोड, चांदनी चौक और दिल्ली हवाई अड्डे पर एक्यूआई क्रमश: 295, 313, 352 और 321 दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए शनिवार को एक सप्ताह तक स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों पर रोक, सरकारी कार्यालयों में कर्मियों के घर से कार्य करने समेत कई आपात कदमों की घोषणा की थी। आपात बैठक के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा था कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ‘लॉकडाउन’ की योजना भी पेश करेगी।
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों, पराली जलाने और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण के आपात स्तर पर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने शुक्रवार को लोगों को घरों के अंदर रहने और सरकारी एवं निजी कार्यालयों को अपने वाहनों के उपयोग में 30 प्रतिशत तक की कटौती करने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लॉकडाउन लागू नहीं कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार को विश्वास में लेकर और सभी केंद्रीय एजेंसियों से परामर्श करने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी क्योंकि यह एक बड़ा कदम होगा।
वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए बनी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) की उप-समिति ने कहा कि प्रदूषक कणों के छंटने के लिए 18 नवंबर तक मौसम की परिस्थिति अनुकूल नहीं है और संबंधित एजेंसियों को निश्चित रूप से ”आपात” श्रेणी के तहत कदमों को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में औसत से तीन डिग्री कम है। सापेक्षिक आर्द्रता 83 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग ने मुख्यत: बादल छाए रहने और सुबह धुंध बने रहने के साथ अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने का पूर्वानुमान जताया है।
बता दें कि, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में वृद्धि को एक ‘आपात’ स्थिति बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए कहा था और वाहनों पर रोक लगाने तथा लॉकडाउन लगाने जैसे कदम सुझाए थे।