भारतीय विमानन क्षेत्र के तहत टाटा समूह ने मंगलवार को एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की। सौदे के अनुसार, सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। प्रस्तावित सौदा मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। विस्तारा में टाटा समूह की 51 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सा सिंगापुर एयरलाइंस के पास है।
इस विलय के बाद एअर इंडिया भारत का अग्रणी एयरलाइन ग्रुप बन जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत सिंगापुर एयरलाइन ने लेन-देन के हिस्से के रूप में एअर इंडिया इंडिया में 20,585 मिलियन रुपये का इन्वेस्ट किया है। इसके जरिए SIA को एअर इंडिया ग्रुप में 25.1% हिस्सेदारी मिल जाएगी। पीटीआई के मुताबिक, दोनों एयरलाइंस का लक्ष्य मार्च 2024 तक विलय को पूरा करना है, इसे रेग्यूलेटरी एप्रूवल मिलना बाकी है।
टाटा संस ग्रुप से एन चंद्रशेखरन ने कहा कि इस विलय के साथ एयर इंडिया देश की सबसे प्रमुख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा देने वाली एयरलाइन होगी। उसके बेड़े में 218 विमान होंगे और वह देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी तथा दूसरी सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन होगी।
एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हम एक मजबूत एयर इंडिया बनाने के अवसर से उत्साहित हैं जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर फुल सर्विस और लो-कॉस्ट-सर्विस दोनों प्रदान करेगा। हम सिंगापुर एयरलाइंस को उनकी निरंतर साझेदारी के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।’