अमेरिका:अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स यानि प्रतिनिधि सभा ने वैश्विक स्तर पर इस्लामोफोबिया से लड़ने के लिए एक बिल को मंजूरी दे दी है। सदन में इस्लामोफोबिया बिल पर हुई वोटिंग में पक्ष में 219 और विपक्ष में 212 वोट पड़े। अब इसे सीनेट में चर्चा के लिए भेजा जाएगा। इस्लामोफोबिया बिल को मंजूरी मिलने के बाद दुनिया के सभी देशों में मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह की वजह से मुसलमानों के खिलाफ होने वाले घटनाओं को अब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की वार्षिक मानवाधिकार की रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
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अमेरिका के मिनेसोटा से डेमोक्रेटिक पार्टी की मुस्लिम महिला सांसद इल्हान उमर समेत 30 से अधिक सांसदों के एक समूह ने इस बिल को लिखा था। इस्लामोफोबिया के इस बिल पर वोटिंग तब हुई है, जब कुछ हफ्ते पहले ही में कोलोराडो से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सांसद लॉरेन बोबर्ट ने सोमालिया में जन्मीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर के लिये मुस्लिम विरोधी भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ‘जिहादी दस्ते’ के तौर पर संबोधित किया था। आइए जानते हैं क्या खास है अमेरिका के इस्लामोफोबिया बिल में?
बिल पर रिपब्लिकन प्रतिनिधियों की कड़ी प्रतिक्रिया
इसी साल अक्टूबर में इस बिल को पेश करते समय डेमोक्रेटिक सांसद इल्हान उमर ने कहा था कि ‘दुनिया के हर कोने में इस्लामोफोबिया में तेजी देखी जा रही है। उनके कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, चाहे चीन में उइगर समुदाय हो या म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ किए जा रहे अत्याचार, भारत और श्रीलंका में मुस्लिम आबादी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई हो या हंगरी और पोलैंड में मुस्लिम शरणार्थियों व अन्य मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना, न्यूजीलैंड और कनाडा में मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए श्वेतों के वर्चस्व वाले लोगों की हिंसा के कृत्य या मुस्लिम बहुल देश जैसे कि पाकिस्तान, बहरीन और ईरान में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों को निशाना बनाना हो, इस्लामोफोबिया की समस्या वैश्विक है।’
डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर इस्लामोफोबिया बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि ‘एक अमेरिकी होने के नाते हमें हर तरह की कट्टरता के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना है। वास्तव में इस्लामोफोबिया बिल का यहूदी विरोधी कानून से प्रेरणा लेते हुए ही बनाया गया है।’ इल्हान उमर ने कहा कि ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां हर कोई अपनी धार्मिक पृष्ठभूमि और विश्वासों के आधार पर उत्पीड़ने से मुक्त है।’ वहीं, रिपब्लिकन सांसदों का मानना था कि इस्लामोफोबिया बिल पूरी तरह से गैर-जरूरी है और इसका इस्तेमाल फ्री स्पीच को रोकने के लिए किया जा सकता है।
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रिपब्लिकन सांसद माइकल मैककॉल ने कहा कि ‘यह शब्द संघीय कानूनों में कहीं नहीं दिखाई देता है। यह इतना अस्पष्ट और व्यक्तिपरक है कि इसका इस्तेमाल पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों के लिए भाषण के खिलाफ किया जा सकता है। यहां तक कि शब्द ‘फोबिया’ (जिसका अर्थ भय है) को भी तर्कहीन तरीके से भेदभाव बना दिया गया है।’ माइकल मैककॉल ने दावा किया कि ‘इस्लामोफोबिया बिल अन्य धर्मों के उत्पीड़न पर मुसलमानों के धार्मिक उत्पीड़न को प्राथमिकता देता है।’