कोरोना: कोविड 19 संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से 3 मई के बाद यानी अगले सप्ताह तक के लिए जिलों को अलग-अलग जोन में बांटा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश सभी जिलों को 3 कैटेगरी में बांटा है- रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन।
केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को संशोधित लिस्ट में देश के सभी बड़े मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद बेंगलुरु और बेंगलुरु को रेड जोन में रखा गया है।
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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा केस की संख्या, डबलिंग रेट और टेस्टिंग के हिसाब से जिलों की नई सूची तैयार की गई है।
रेड जोन का मतलब है उस इलाके में कोविड 19 का ज्यादा खतरा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन जिलों में कोविड 19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और नए मरीज सामने आ रहे हैं, उस जिले को रेड जोन में रखा गया है।
वहीं, जिन जिलों में बीते 21 दिनों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है, उसे ग्रीन जोन में रखा गया है।
‘कंटेनमेंट ऑपरेशन के लिए जिलों के इस वर्गीकरण को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा तीन मई से एक सप्ताह तक अपनाया जाएगा।
इस नए वर्गीकरण में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और अहमदाबाद जैसे शहरों को रेड जोन में रखा गया है।
इन इलाकों में कोरोना मामलों की संख्या, मामलों के दोगुना होने की दर, जांच की क्षमता और निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें श्रेणीबद्ध किया गया है।
बहरहाल, केंद्र सरकार द्वारा जारी संशोधित जोन की लिस्ट में देश में अभी 130 जिले रेड जोन में, 284 आरेंज और 319 ग्रीन जोन में हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक जिले रेड जोन में हैं।
उत्तर प्रदेश के जहां 19, महाराष्ट्र के 14 और तमिलनाडु के 12 जिलों को रेड जोन में रखा गया है। वहीं, दिल्ली के सभी 11 जिलों को रेड जोन में मार्क किया गया है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के 10 और बिहार के 5 जिले रेड जोन में हैं।
केंद्र सरकार ने रेड जोन से ग्रीन जोन में जिलों को रखने के मानक बदले हैं। अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोविड 19 नया केस नहीं आने पर किसी जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में रखा जा सकेगा।
मौजूदा नियमों के तहत 14 दिनों तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था। मगर अब यह अवधि 21 दिन रह जाएगी।
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सूचित किया है।
उन्होंने कहा कि डबलिंग अवधि बढ़ने और रिकवरी रेट बेहतर होने के चलते यह निर्णय लिया गया है। गुरुवार को कैबिनेट सचिव ने कोरोना की स्थिति की समीक्षा की थी।