भारत में कोरोना: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का दूसरा चरण 15 मई से शुरू होगा। दूसरे चरण में रूस, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान आदि देशों में फंसे लोगों को लाया जाएगा। सूत्रों ने कहा, सरकार को अब तक 67 हजार 833 लोगों के स्वदेश आने का अनुरोध मिला है। पहले चरण में 64 उड़ानों से 12 देशों के करीब 15 हजार लोगों को लाया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा, चरणबद्ध तरीक़े से उन लोगों को लाया जाएगा, जो सरकार द्वारा तय की गई श्रेणियों में आते हैं। सूत्रों ने कहा, जिन लोगों का देश वापस आने के लिए अनुरोध मिला है उनमें 34 फीसदी छात्र और 30 फीसदी प्रवासी कामगार हैं। इसके अलावा अल्पकालिक वीजा धारक, गर्भवती महिलाएं और मेडिकल इमरजेंसी वाले लोगों ने आवेदन किया है।
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सूत्रों ने आज यहां बताया कि सरकार को कुल मिला अब तक 67 हजार 833 लोगों से स्वदेश लौटने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं। पहले चरण में 64 उड़ानों के माध्यम से 12 देशों से करीब 15 हजार लोगों को लाने का अभियान गुरुवार से शुरू हो चुका है।
मालदीव की राजधानी माले से भी करीब 700 लोगों को लेकर भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस जलाश्व कोच्चि के लिए रवाना हो चुका है। रविवार को आईएनएस मगर से करीब 200 लोगों को लेकर कोच्चि आएगा तथा आवश्यकता हुई तो तूतीकोरीन भी जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि वंदे भारत मिशन में भारत के 14 हवाईअड्डों का उपयोग किया जाएगा जिनमें बोधगया, तिरुपति, गुवाहाटी, बागडोगरा, लखनऊ, श्रीनगर, चंडीगढ़ आदि जैसे छोटे हवाईअड्डों को भी शामिल किया गया है।
इनका चयन लोगों को उनके गंतव्य के निकटतम बिन्दु तक पहुंचाने के लक्ष्य को ध्यान में रख कर किया गया है। सरकार इन हवाईअड्डों पर आव्रजन आदि सुविधायें भी मुहैया करायेगी। पहले चरण में एयर इंडिया का विमान गुरुवार को आबूधाबी से 181 यात्रियों को लेकर कोच्चि, दुबई से 182 यात्रियों को लेकर कोझिकोड पहुंचा।
इन सभी यात्रियों का रवानगी से पहले रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किया गया था। शुक्रवार को सिंगापुर से 234 यात्री दिल्ली आये जबकि ढाका से 168 यात्री श्रीनगर पहुंचे। सूत्रो के अनुसार पहले चरण में खाड़ी के देशों से कुल मिला कर 27 उड़ानें होंगी जिनमें यूएई से 11, सऊदी अरब और कुवैत से पांच-पांच तथा बहरीन, कतर एवं ओमान से दो-दो उड़ानें शामिल हैं। पड़ोसी देशों में बंगलादेश से 7उड़ानें होंगी जो श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के यात्रियों को लाएंगीं।
इसी प्रकार से दक्षिण पूवीर् एशिया से 14 उड़ानें आयेंगी जिनमें सिंगापुर एवं फिलीपीन्स से पांच पांच उड़ानें तथा मलेशिया से चार उड़ानें शामिल होंगी। इसी प्रकार से सात उड़ानें अमेरिका के चार शहरों -न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, शिकागो एवं सैन फ्रांसिस्को से होंगी जबकि लंदन से भी 7 उड़ानें होंगी। सूत्रों ने बताया कि प्रथम चरण की ये सभी उड़ानें भारत के 14 हवाईअड्डों पर आएंगी।
दिल्ली में दस, हैदराबाद में नौ, कोच्चि में नौ, कोझिकोड में चार, तिरुवनंतपुरम में एक, कन्नूर में एक, चेन्नई में नौ, तिरुचिरापल्ली में एक, अहमदाबाद में पांच, मुंबई में चार, श्रीनगर में तीन, बेंगलुरु में चार, लखनऊ में और अमृतसर में एक उड़ान आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि लोगों को उनके निवास स्थान वाले राज्य में निकटतम बिन्दु तक पहुंचाया जाये।
सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया है जिस पर भारतीय मिशनों को भारतीय नागरिकों से स्वदेश लौटने के अनुरोध को अपलोड किया जा रहा है।
अब तक 67 हजार 833 अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इनमें से 22 हजार 470 यानी करीब 34 प्रतिशत विद्याथीर् हैं, 15 हजार 815 यानी लगभग 3० प्रतिशत प्रवासी कामगार हैं और नौ हजार 250 अल्पावधि वीसा धारक हैं। 5531 लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और उपचार के लिए गए थे। 4147 पर्यटक हैं। 3041 गर्भवती महिलाएं एवं बुजुर्ग हैं तथा 1112 लोगों के परिवारों में किसी की मृत्यु हुई है।
लौटने का अनुरोध करने वाले लोगों का राज्य वार विवरण साझा करते हुए सूत्रों ने बताया कि सर्वाधिक केरल से 25 हजार 246, तमिलनाडु से 6617, महाराष्ट्र से 4341, उत्तरप्रदेश से 3715, राजस्थान से 3320, तेलंगाना से 2796, कनार्टक से 2786, आंध्रप्रदेश से 2445, गुजरात से 2330 और दिल्ली से 2232 लोग हैं।
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सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी और उसमें राज्यों एवं केन्द्र सरकार के बीच वंदे भारत मिशन के क्रियान्वयन को लेकर तालमेल बेहतर हुआ है।