जनता पार्टी जो कभी इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी औऱ देश में पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टियों को एक जुट कर सरकार बनाई थी, देश के वर्तमान राजनीतिक महौल को देखते हुए इसके बदलाव को लेकर एक बार फिर आतुर है। पार्टी अपने पुराने कलेवर में आने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। इन्हीं सब विषयों पर मुस्लिम टुडे के वरिष्ठ पत्रकार मंजूर अहमद ने जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव दिनेश दूबे से बात की, आईये जानते हैं दिनेश दुबे ने इस पर क्या कहा ?
प्रश्न: जनता पार्टी का राजनीतिक उद्देश्य क्या है? राजनीतिक विचार क्या है? और देश के वर्तमान राजनीतिक माहौल में पार्टी क्या हस्तक्षेप कर रही है?
उत्तरः जनता पार्टी का राजनीतिक उद्देश्य देश में विकासपरक और लोकतंत्रात्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाला सही राजनीतिक माहौल बनाना है। क्योंकि वर्तमान में हमारे देश में राजनीति के मायने बदल गए हैं। देश में जब भी राजनीति की बात होती है तो जनता के मन में इसको लेकर उदासिनता और कई बार नफरत दिखती है। जनता पार्टी की स्थापना का उद्देश्य ही राजनीति से निराश हो चुके लोगों में विश्वास पैदा करना था और वह फिर देश के लोगो को सही राजनीति की परिभाषा बताने का प्रयास करेंगी।
प्रश्न: आज के राजनीति की बात की जाए तो कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा का विरोध और भाजपा की तानाशाही देश के सामने बड़ा प्रश्न है। ऐसे में क्या जनता पार्टी भाजपा और मोदी के विरोध में है या उनके साथ है?
उत्तरः जनता पार्टी ना ही किसी का विरोध करने उतरी है, ना ही किसी की बुराई करने और ना ही किसी का साथ देने। कौन पार्टी क्या कर रही है, इस बारे में हमें नही सोचना है। हमें अपने सही फैसलों से निराश हो चुके लोगों के मन में एक साकारात्म माहौल बनाना है। आज देश में एक प्रकार का अघोषित आपातकाल की स्थिति है। ना ही किसी को बोलने की आजादी है और ना ही कुछ करने की। इस स्थिति को बदलने के लिए किसी न किसी पार्टी को आगे आना होगा। बाकी सभी लोग सत्ता और उसके लाभ के बारे में ही सोच रहे हैं। इसे बदलना होगा। जिस जनता ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है उनको भुलाकर कोई भी कार्य करना उचित नही है। आप इसका उदाहरण कृषि कानूनों के बनने और फिर वापस लेने की प्रक्रिया से समझ सकते हैं। जनता पार्टी फिर से वही 1977 वाली घटना को दुहराने के लिए प्रयत्नशील है।
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प्रश्न: आज देश में सांप्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद और अवसरवाद राजनीति को प्रभावित कर रही है। जनता के बुनियादी सवाल राजनीतिक दलों के एजेंडे में नहीं हैं ? जनता के सवाल राजनीति के केंद्र में कैसे आएंगे और इसके लिए आप किस प्रकार से प्रयास करेंगे ?
उत्तरः आज देश में जो जातिवाद, क्षेत्रवाद की राजनीति चल रही है वह देश के अच्छा नहीं है। इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। इससे से देश का विकास नही होगा, बल्कि उल्टे देश का नुकसान ही होगा। अक्सर देखा जा रह है कि राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने के लिए हमें एक दूसरे से लड़ा रहे हैं। यदि कोई पार्टी काम करती है तो वह जनता को दिखाई पड़ता है, उसके लिए रोज पोस्टर लगाकर और टीवी पर आकर बताने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें कुछ दोष हमारी जनता का भी है, जो पढ़ी लिखी समझदार होने के बाद भी लोगो की भ्रामक प्रचार में आ जाती है। हम जनता को उनके अधिकार के बारे में बताएंगे। उन्हें यह पूरी तरह से पता होना चाहिए की उनके अधिकार क्या क्या हैं।
प्रश्न: कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों का ऐसा आरोप है कि बीजेपी के कारण देश का संविधान खतरे में है। इस पर आपका क्या कहना है ?
उत्तरः यह दोषारोपण तो सभी एक दूसरे पर लगाते रहते हैं। जो भी पार्टी सत्ता में होती है उसकी बुराई करना किसी भी विपक्ष का काम बन गया है। यदि विपक्ष हो सही प्रकार से एक रहता तो कोई भी कैसे अपनी मनमानी कर सकता है। सिर्फ दोषारोपण करने से देश नही चलता है। आज की राजनीति की स्थिति ऐसी है की कोई शरीफ आदमी राजनीति में आना ही नही चाहता है। जनता पार्टी इस माहौल को बदलना चाहती है। हम चाहते हैं की अच्छे लोग राजनीति में आयें और इस राजनीतिक ढांचे को बदलने में मदद करें।
प्रश्न: आपकी नजर में वर्तमान समय में देश के सामने सबसे बड़ा खतरा और देश को सबसे ज्यादा किस चीज की जरूरत है?
उत्तरः वर्तमान स्थिति में देश में सबसे बड़ा खतरा जातिवाद है। यह देश कि अखंडता के लिए खतरा बनता जा रहा है। आज किसी से पूछो की आप कौन है। तो कोई ये नही कहता है की वह भारतीय है। सभी कहते है हम गुजराती है, हम मराठी हैं, हम पंजाबी हैं, हम उत्तर भारतीय हैं। देशवासियों के अंदर से भारतीयता तो गायब होती जा रही है उनमें क्षेत्र और जातिवाद हावी होता जा रह है। और यह सब कृपा हमारे नेताओ की ही है। आज देश को सही मायने में शिक्षित करना होगा। आने वाले लोगो को देश के प्रति जागरूक करना होगा ना की हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई में बाटना। उन्हे उनके सही अधिकार के बारे में बताना होगा। वहीं लोगों को भी देश के प्रति उपने कर्तव्यों को जानना होगा। जिस दिन वे अपने कर्तव्य के बारे में जागरूक हो जायेंगे देश अपने आप सुधर जायेगा।
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प्रश्न: वर्तमान समय में कर्नाटक में हिजाब को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है, इस मुद्दे पर आपका क्या कहना है? क्या यह बीजेपी की चुनावी राजनीति है या इसके और कुछ अन्य कारण है?
उत्तरः पहली बात तो यह है कि शिक्षा में हिजाब का और पगड़ी का क्या लेना देना है। विद्यालय शिक्षा ग्रहण करने का स्थान है। उसे राजनीति का अखाड़ा क्यों बना रहे हैं। इस मुद्दे को इतना उछालने की क्या जरूरत थी। देश के शिक्षण संस्थानों को इस प्रकार की राजनीति से दूर ही रहना चाहिए। शिक्षा संस्थान अपना एक ड्रेस कोड रखे तो इस तरह की कोई समस्या आएगी ही नही। हमें अगर देश को आगे ले जाना है तो शिक्षा को ऐसी भद्दी राजनीति से दूर रखना होगा। इससे बच्चों के मन में भी देश और देश के लोगों के प्रति विकार पैदा होने लगते हैं। मैं किसी विशेष पार्टी का नाम तो नही लूंगा पर करीब करीब हर पार्टी ऐसी ऐसी भद्दी राजनीति कर रही है। जब भी हम सरकार में आयेंगे सबसे पहले शिक्षा प्रणाली में सुधार करेंगे जिससे इस प्रकार की कोई घटना ही ना हो।
बता दें कि दिनेश दूबे उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से आते हैं। वे गत कई सालों से मुम्मई में रहते हैं। वे बॉलीवुड फिल्मों के जाने-माने स्क्रिप्ट राइटर और डायरेक्टर हैं। इसके अलावा कई स्वयमसेवी संस्थानों से जुड़कर समाज की सेवा भी करते हैं। साथ ही गई कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं।