भारत में लॉकडाउन: कोविड 19 संकट के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यानी बुधवार को कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड 19संकट के मद्देनजर प्लानिंग और पैकेज समेत कई मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा और सवाल किया कि सरकार के पास 17 मई के बाद क्या रणनीति है।
बता दें कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अशोक गललोत समेत कई नेता मौजूद थे। बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुदुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की है।
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सोनिया गांधी ने बुधवार को सवाल किया कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन कितने लंबे समय तक जारी रहेगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा, ’17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे होगा? भारत सरकार यह तय करने के लिए कौन सा मापदंड अपना रही है कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा।’
बैठक में उनकी बात का समर्थन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जैसा कि सोनिया गांधी जी ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन-3 के बाद क्या होगा?’ किसानों को लेकर कोंग्रस अधियक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘हम अपने किसानों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने तमाम दिक्कतों के बावजूद गेंहू की शानदार उपज पैदा करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।’
रणदीप सुरजेवाला के अनुसार बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला।’
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इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्यों को तत्काल सहायता की जरूरत है। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोरोना का जोन तय कर रहे हैं, यह चिंता की बात है।