मंगलवार से बहुत सारे मैसेज आने लगे कि शाहरूख अनुराग मिश्रा है। सोशल मीडिया के पोस्ट के स्क्रीन शाट्स थे।मैंने कई लोगों को व्यक्तिगत रूप से जवाब दिया कि ये शाहरूख है लेकिन जब देखा कि वायरल होता ही जा रहा है तो फिर पुलिस से एक बार सवाल किया।
ताकि लोगों को भरोसा हो जाए और ये शाहरूख बनाम अनुराग की अफ़वाहबाज़ी बंद हो। अपने शो में मैंने कहा कि “ डोभाल साहब की बात अगर पुलिस सुन लेती तो 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस लाल टी शर्ट वाले लड़के को पिस्टल चलाने की हिम्मत नहीं होती।
पुलिस की हालत ये है कि अभी तक यह गिरफ्तार नहीं हुआ है। पुलिस साफ कहती है शाहरुख है लेकिन सोशल मीडिया पर देखिए अनुराग बताया जा रहा है ।अभी भी जरूरत है कि पुलिस इसकी पहचान को लेकर दोबारा बोले।”
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आप देखेंगे कि मैंने अपने कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस के डी सी पी की बाइट लगाई है जो कह रहे हैं कि नाम शाहरूख है और गिरफ्तार नहीं हुआ है। मैंने शाहरूख को अनुराग बताने वाली तस्वीरें जानबूझ कर नहीं दिखाई।
मुझे अनुराग मिश्रा बताना होता तो डी सी पी की ये बाइट क्यों लगाता? जिसमें वो कह रहे हैं कि शाहरूख है और गिरफ्तार नहीं हुआ है।
25 फ़रवरी को दिन के सवा बजे के आस पास ANI ने ब्रेकिंग न्यूज़ ट्विट किया था कि लाल शर्ट वाला शाहरूख अरेस्ट हो गया है। लेकिन एक दिन बाद मेरे शो में मेरे सहयोगी संवाददाता से डी सी पी वेद प्रकाश कह रहे हैं कि अरेस्ट नहीं हुआ है।
आई टी सेल रोज़ मेरे शो को शुरू से लेकर अंत तक कई बार देखता है ताकि वायरल कराने के लिए कुछ मिल जाए। उनका स्वागत है। एक वायरल वीडियो में मेरे बयान का आख़िरी हिस्सा काट दिया है।
“ अभी भी जरूरत है कि पुलिस इसकी पहचान को लेकर दोबारा बोले।” ये हिस्सा काटा गया है। क्यों ? गिरप्तारी नहीं होने की मेरी लाइन भी एक वायरल वीडियो में काट दिया है।
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जब ऑल्ट न्यूज़ ने सारे वीडियो देखकर रिपोर्ट की थी कि ये शाहरूख है और CAA विरोधियों के बीच से निकल कर आया है । उसे भी 25 फरवरी के प्राइम टाइम में बताया था कि वह समर्थकों नहीं, विरोधियों की भीड़ से निकल कर आया है। नारंगी झंडा नहीं बल्कि सामान का क्रेट है।
मेरा इरादा अफ़वाह फैलाना नहीं बल्कि उस अफ़वाह का अंत करना था जो एक अपराधी की पहचान बदलना चाहता था। दंगाई दंगाई होते हैं।
आज सुबह भी जब ऑल्ट न्यूज़ ने अनुराग मिश्रा वाले वायरल तस्वीरों का पर्दाफाश किया तो उसे भी अपने इस फेसबुक पेज @RavishKaPage पर पोस्ट किया था।
(ये लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की फेसबुक वॉल से लिया गया है)