सतीश कौशिक एक ऐसा नाम जिससे हर कोई परिचित होगा, जिसकी विदाई ने हर किसी की आँखों को नम किया। बॉलीवुड की ऐसी शख्सियत जो सभी क्षेत्र में कमाल किया। उन्होंने एक्टर से डाइरेक्टर, राइटर और प्रोड्यूसर तक का काम किया। वर्षों तक करोड़ों भारतीयों का दिल जीतने वाले इस कलाकार ने अब इस दुनिया को अलविदा कह चुका है।सतीश कौशिक 67 साल के थे।
सतीश कौशिक ने कल अपने दोस्तों के साथ जमकर होली खेली थी, कल रात उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने जानकी कुटीर जूहू में होली खेली है। तस्वीरों में उनके साथ रिचा चड्ढा, अली फजल, जावेद अख्तर और महिमा चौधरी नजर आ रहे है , सतीश ने सभी को होली की शुभकामनाएं दी थी , हंसती हुई इस फोटो के कुछ ही घंटे बाद सतीश का दुखद निधन हो गया।
एक छोटा सा बक्सा लेकर मुंबई आये थे, जमाने भर की मुहब्बत लेकर जा रहे हैं। सतीश कौशिक की जिंदगी में कई तरह के उतार चढाव आए, उनमें एक उनके बेटे का निधन था। शादीशुदा होने के बावजूद एक प्रेग्नेंट महिला से शादी करने वाले सतीश कौशिक की जिंदगी सघर्षपूर्ण रही, जिसके बाद भी वह अपनी फिल्मों के ज़रिये दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करते रहे।
13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पैदा हुए थे। शुरुआत उन्होंने मासूम फिल्म से की थी। उन्होंने रूप की रानी और चोरों का राजा समेत हम आपके दिल में रहते हैं, हमारा दिल आपके पास है ,मुझे कुछ कहना है, प्रेम, बधाई हो बधाई, तेरे नाम, क्योंकि, ढोल और कागज आदि फिल्मो का निर्देशन किया था।
उन्होंने मोहब्बत, जलवा, राम लखन, जमाई राजा, अंदाज, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, दीवाना मस्ताना, परदेसी बाबू ,बड़े मियां छोटे मियां, हसीना मान जाएगी, राजा जी, आ अब लौट चलें, हम आपके दिल में रहते हैं, चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, दुल्हन हम ले जायेंगे, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता, गॉड तुसी ग्रेट हो आदि फिल्मों में शानदार अभिनय किया था।
उन्होंने किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की शिक्षा पूरी की इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ,नई दिल्ली और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) , पुणे से अभिनय में शिक्षा पूरी की नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में वह अनुपम खेर के क्लास मेट थे।
सतीश कौशिक का करियर
उन्होंने साल 1987 में फिल्म मिस्टर इंडिया में एक अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया था उस फिल्म में उन्होंने “कैलेंडर” की भूमिका निभाई थी। इसके बाद साल 1997 में दीवाना मस्ताना में पप्पू पेजर की भूमिका निभाई साल 2007 में ब्रिक लेन फिल्म में “चानू अहमद” की भूमिका निभाई। उन्होंने आपकी अच्छी एक्टिंग के चलते साल 1990 में फिल्म राम लखन और साल 1997 में साजन चले ससुराल के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पुरस्कार जीता