IIT बॉम्बे के स्टूडेंट दर्शन सोलंकी के सुसाइड करने के तीन दिन बाद उसकी बहन और चाची ने उसके दोस्तों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- दर्शन ने बताया था कि उसके दोस्त उसके साथ जातिगत भेदभाव करते थे। हालांकि IIT बॉम्बे की अथॉरिटी ने कहा कि कैंपस में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता।
विज्ञप्ति के अनुसार IIT मुंबई में एससी-एसटी छात्रों की एक एसोसिएशन भी है। किसी छात्र को जातीय भेदभाव की शिकायत होने पर वह इस सेल में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। यहां तक कि पिछले कुछ वर्षों में इस सेल में छात्रों या अध्यापकों के खिलाफ ऐसी बहुत कम शिकायतें आई हैं।
वहीं, कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि कैंपस में अनुसूचित जाति के छात्र के साथ कथित तौर पर भेदभाव किया जा रहा था। इससे उसने आत्महत्या का कदम उठाया। दर्शन ने आत्महत्या से ठीक एक दिन पहले यानी शनिवार के दिन का अपना सेमेस्टर एग्जाम खत्म किया था।
परिवार का कहना है कि IIT में छात्र सिर्फ इसलिए दर्शन को परेशान करते थे, क्योंकि वह एससी जाति से था। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जब अन्य छात्रों को पता चला कि दर्शन एससी जाति से है तो उसके साथ भेदभाव शुरू कर दिया और इस बात की जानकारी खुद दर्शन ने अपनी बहन जानवी को दी थी।
आपको बता दें कि IIT बॉम्बे जात-पात को लेकर भेदभाव के चलते पहले से बदनाम रहा है, इसे लेकर आंबेडकर-पेरियार, फुले स्टडी सर्कल ने एक ट्वीट करते हुए स्टेटमेंट जारी किया है। कहा है कि ‘ये कोई छुपी हुई बात नहीं है कि एससी-एसटी छात्रों को अन्य छात्रों, स्टाफ़ और फ़ैकल्टी बहुत परेशान करती है।