नई दिल्ली: दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों को रोकने को लेकर अमित शाह के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने बताया कि अब राजधानी में प्रतिदिन एक लाख से अधिक कोरोना टेस्ट किए जाएंगे।
दिल्ली सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार ने कहा है कि डीआरडीओ द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में 750 आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाएगी। अमित शाह के साथ इस बैठक में दिल्ली सीएम के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, दिल्ली के एलजी अनिल बैजल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मौजूद थे।
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दिल्ली के मुख्यामंत्री केजरीवाल ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए ये जरूरी है कि सभी एजेंसियां और सरकार मिलकर काम करें। मैं केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करना चाहना हूं कि उन्होंने मीटिंग बुलाई। अब सारी एजेंसी मिलकर काम करेंगी। सीएम ने कहा कि दिल्ली के लोगों की सेहत के लिए और उनकी जान बचाने के लिए इस वक्त यह जरूरी है कि सभी लोग मिलकर काम करें।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 20 अक्टूबर के बाद से दिल्ली के अंदर कोरोना के केसेस बड़ी तेजी से बढ़ने लगे हैं। कोविड बेड्स अभी ठीक ठाक संख्या में हैं। लेकिन आईसीयू बेड्स काफी तेजी से कम होते जा रहे हैं।
इस पर केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि अगले दो दिन में डीआरडीओ सेंटर में 500 आईसीयू बेड्स की व्यवस्था कर दी जाएगी और अगले कुछ दिन में 250 बेड्स के इंतजाम कर दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार भी अपने से आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ा सके, इसके लिए केंद्र सरकार मदद करेगी।
अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि दूसरा निर्णय टेस्ट को लेकर हुआ है। अभी हम रोज 60 हजार टेस्ट कर रहे हैं, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख से अधिक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में प्रदूषण को लेकर कोई बात नहीं हुई है।
बाजार को बंद करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि पाबंदियों को लेकर आज कोई चर्चा नहीं हुई है। गृह मंत्रालय इस पर कल बैठक करने वाला है।
दो नवंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा बुलाई गई एक बैठक में त्योहारों और लोगों की अधिक आवाजाही के साथ-साथ लोगों द्वारा कोरोना मानदंडों का पालन नहीं किए जाने को दिल्ली में कोरोना के मामलों में उछाल के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। हालांकि, केजरीवाल ने पिछले हफ्ते मामलों में उछाल के लिए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया था।
भल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक कहा गया था कि गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जांच, संक्रमितों का पता लगाने और उपचार के लिए वृहद प्रयास किए जाएंगे। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि मेट्रो की यात्रा को मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सावधानीपूर्वक विनियमित किया जाना चाहिए।
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए प्रशासन जांच, संपर्क का पता लगाने और उपचार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
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बढ़ते प्रदूषण के साथ विशेष रूप से त्योहारी मौसम और घटते तापमान को देखते हुए रविवार की बैठक में, दिल्ली में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार करने के विषय पर चर्चा होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को को कोरोना के 3235 नए मामले सामने आए,
जबकि 95 और लोगों की मौत हुई। रविवार को मामलों में आई कमी बेहद कम टेस्ट के कारण दर्ज हुई है। दिवाली के दिन दिल्ली में मात्र 21 हजार कोरोना के सैंपल्स के टेस्ट किए गए। लेकिन हम संक्रमण की दर को देखें तो यह 15 प्रतिशत है, जो काफी चिंतनीय है।