नई दिल्ली: दिल्ली में लॉक डाउन पर दिल्ली सरकार ने 24 घंटे में ही अपना फैसला बदल लिया है। सोमवार को स्वास्थ मंत्री सतेंद्र जैन ने राजधानी में लॉकडाउन की संभावना से इंकार कर दिया था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खुद कहा कि बाजारों में जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन किया जाएगा। जिससे बाजार को कोरोना हॉट स्पॉट बनने से रोका जा सके। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से इजाजत मांगी है।
सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में लॉकडाउन की संभावनाओं से इंकार किया था। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन सिर्फ लर्निंग प्रक्रिया थी। अब सिर्फ एहतियात बरतकर ही हम कोरोना से बच सकते है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या लॉकडाउन की कोई संभावना है तो उन्होंने कहा कि कोई चांस नहीं है। उनका तर्क था कि अस्पतालों में काम करने वाले लोग सबसे कम संक्रमित मिल रहे है।
क्योंकि वह बचाव के नियमों को पालन कर रहे है। इसी तरह लॉकडाउन से नहीं बचाव से कोरोना संक्रमण कम किया जा सकता है। दूसरे दिन ही दिल्ली सरकार ने बाजारों में जरूरत पड़ने पर बंदी की इजाजत केंद्र से मांगी है।
सत्रों के मुताबिक 24 घंटे में फैसले बदलने के पीछे सोमवार शाम को केंद्रीय गृह सचिव के साथ दिल्ली के मुख्य सचिव व विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ हुई बैठक को बताया जा रहा है।
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बैठक में विशेषज्ञ समिति के सदस्य ने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में कोरोना की स्थिति और बेकाबू हो सकती है। दिल्ली में जहां जुलाई में संक्रमण की दर 5 फीसदी थी वह 14 नवंबर तक बढ़कर 15 फीसदी तक पहुंच गई है। त्यौहारों के समय में बाजार में उमड़ी भीड़ इसका एक बड़ा कारण थी।
सूत्रों की माने तो बैठक में विशेषज्ञ समिति के इस चिंता के बाद ही सरकार ने बाजारों में लॉकडाउन का निर्णय लिया है। बाजार के साथ साथ दिल्ली सरकार शादी समारोह में भी संख्या को दो सौ से घटाकर पचास करना चाहती है।