समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के लिए रामपुर का उपचुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा की बात बन चुका है। साथ ही ये चुनाव आज़म ख़ान राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगी।
इस बार आजम खान की ओर से उनके सहयोगी उम्मीदवार असीम रज़ा समाजवादी पार्टी के टिकट से मैदान में हैं। असीम रजा इस साल रामपुर संसदीय सीट के लिए हुए उपचुनाव में हार गए थे, आजम खान ने असीम रजा के लिए ये सीट खाली छोड़ी थी। असीम रज़ा आज़म ख़ान को खासम खास में गिना जाता है। असीम रज़ा का स्थानीय लोगों में अच्छी पकड़ है, जिसका फ़ायदा उनको चुनाव में मिल सकता है।
रामपुर सीट से 10 बार विधायक रह चुके आजम खान स्थानीय ही नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर सपा के लिए मुस्लिम चेहरा हैं। मुलायम के राज में सपा सरकार में आजम खान की तूती बोलती थी। मुलायम और फिर अखिलेश के कैबिनेट में आजम को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। बात रामपुर विधानसभा की करें तो आजम जब-जब यहां से प्रत्याशी बने, सपा ने अच्छे-खासे अंतर से जीत हासिल की। फिर चाहे सामने कोई भी पार्टी या कोई भी नेता क्यों ना रहा हो। इस चुनाव में आजम ने अपने परिवार को दूर ही रखा है।
राजनीति में रूचि रखने वाले लोगों का मानना है कि इस बार रामपुर सीट पर सपा पहले से कमज़ोर हुईं है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार BJP के प्रत्याशी आकाश सक्सेना इस बार आज़म ख़ान की जगह चुनाव लड़ रहे असीम रज़ा को कड़ी टक्कर देंगे। इन कयासों के बीच अगर रामपुर विधानसभा सीट पर सपा की हार होती है तो इसके अलग राजनीतिक मायने होंगे। वहीं आजम खान के पॉलिटिकल करियर पर कई चर्चाएं चलेंगी।
दरअसल, योगी सरकार के दौरान आजम खान लगातार मुश्किलों में घिरे रहे हैं। इस दौरान करीब 90 मुकदमें उनके खिलाफ दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा सपा नेता करीब 27 महीनों तक जेल में भी रहे। सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद रिहा हुए अब उनकी विधायकी रद्द कर दी गई।
असीम रज़ा के समर्थन में अपने चुनावी जनसभा में सोमवार को आजम खान ने लोकसभा उपचुनाव में कम वोटिंग की शिकायत करते हुए कहा, मुझे तो सजा मिल गई, बचोगे आप भी नहीं। मैं दुनिया भर से रुपए मांग कर यूनिवर्सिटी लाया, लेकिन ईडी जांच कर रही है। हथकड़ियां और कैद मेरा इंतजार कर रही है। यह सब तुम्हारे बच्चों के भविष्य की खातिर किया।
यही नहीं रामपुर की जनता को अपना दर्द बताते हुए आज़म ख़ान ने कहा कि आप लोग मेरे खून के आंसूओं का बदला चुनाव में लेना। अब मेरे साथ धोखा मत करना। मेरे पास धोखा खाने का वक्त नहीं है। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमारे यहां खुदकुशी हराम है इसलिए जिंदा हूं। अब तो देश निकाले का इंतजार कर रहा हूं। आप मेरे एक-एक आंसू का हिसाब नहीं दे सकते।
आज़म ख़ान का रामपुर की जनता ये सन्देश हर तरह से काफी मायने रखता है। राजनीतिक अखाड़े में आज़म ख़ान की पहचान उत्तर प्रदेश के महारथियों में होती है। जेल से बाहर आने के बाद आज़म ख़ान के बयान ये दर्शाता है कि अब उनके किले के ढह जाने का खतरा है जो वो पूरी तरह से भांप चुके हैं। यह उपचुनाव आज़म ख़ान बनाम सरकार बनता जा रहा है, जो बेहद दिलचस्प हो गया है।
बता दें कि आज़म ख़ान के खिलाफ रामपुर नवाब परिवार के सदस्य और कांग्रेस से 5 बार विधायक रहे काजिम अली खान ने आकाश सक्सेना को समर्थन दे दिया है। वहीं, बाबर खां और मोहम्मद उस्मान जैसे नेता भी आकाश के पक्ष में उतर गए हैं। वे तमाम नेता आजम के खिलाफ अब तक स्थानीय स्तर पर लड़ाई लड़ रहे थे, वे खुलकर आकाश सक्सेना के साथ आ गए हैं।