राजस्थान: राजनीतिक निुयक्तियों के तहत राजस्थान में बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष बने लोगों को फिलहाल सरकारी वाहन नहीं मिलेगा। कोविड 19 संकट के बीच राजस्व में आई गिरावट को देखते हुए राज्य सरकार ने नई गाड़ियों की खरीद पर रोक लगा दी है। फिलहाल प्रदेश के विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों को निजी वाहन से ही काम चलाना पड़ेगा।
स्टेट मोटर गैराज विभाग ने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव राज्य के वित्त विभाग को भेजा था। विभाग का कहना था कि नई गाड़ियों की कमी चल रही है। पुरानी गाड़ियां जर्जर हैं।
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ऐसी स्थिति में और नई गाड़ियां खरीदने के लिए विभाग को बजट दिया जाए। लेकिन वित्त विभाग ने नई गाड़ियों के लिए बजट स्वीकृति देने से इनकार कर दिया है।
राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे माननीयों को अब अपनी ही गाड़ी से काम चलाना पड़ेगा। जिन विभागों में नियुक्ति होती है, उन विभागों की आय से ही नई गाड़ियां खरीदी जा सकती है।
राज्य के विभिन्न बोर्ड और आयोगों में करीब 54 नियुक्तियां होनी हैं। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद पिछली सरकार के समय हुई राजनीतिक नियुक्तियों के स्थान पर गहलोत सरकार को नई राजनीतिक नियुक्तियां करनी हैं। प्रदेश में चले सियासी संकट की वजह से सरकार राजनीतिक नियुक्तियां नहीं कर पाई थी।
ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार राजनीतिक नियुक्तियां करके अपने समर्थकों को मलाईदार पद दे सकती है।
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उल्लेखनीय है कि प्रदेश की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार को सत्ता में आये करीब पौने 2 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पायी हैं।