शारजील इमाम वो नाम है जिसने शाहीन बाग की नीव रखवाई। वो शरजील इमाम जिसकी वजह से पूरे भारत मे शाहीन बाग तैयार हुआ। वो इमाम जिसने उम्मत की बात की वो पिछले 8 महीने से जेल में बंद है?
उसपर आतंकी विरोधी क़ानून UAPA लगाया गया है जो के सरासर गलत है।
लेकिन अबतक इस पर कोई बोलने के लिए तैयार नही है सब खामोश क्यों है?
आखिर उसका जुर्म क्या है उसने तो शाहीन बाग की बुनियाद डाली।
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उसने चक्का जाम करने की बात कही । बिना डरे वह NRC,CAA,NPR जैसे काले कानून के खिलाफ ढाल बनकर खड़ा रहा।
शाहीन बाग को खड़ा करने में दिन रात एक कर दिया। कई महीनों तक दिन रात मेहनत करता रहा तब जाकर पूरे मुल्क में सैकड़ों जगह शाहीन बाग बनकर तैयार हुआ।
लेकिन सवाल ये है के जिस तरह क़ौम के लोग दूसरे सोशल एक्टिविस्ट के रिहाई के लिए आवाज उठाते है वैसे शारजील इमाम के लिए क्यों नही उठाते है?
कुछ लोग शरजील इमाम की रिहाई के बारे में बोलने से इसलिए डरते है की कहीं बहुसंख्यक समाज उसे कट्टर न बोल दे।
अब जुम्मन की दिक्कत ये है कि उसे लोगो को सेक्युलर और लिबरल बनकर भी तो दिखाना है।
अजीब बात है कि हमारे क़ौम के कुछ लोग शारजील इमाम और शारजील उस्मानी जैसे लोग पर शक करते है और कन्हैया चंद्रशेखर वगैरह को अपना मसीहा मानते है!
शायद ये लोग नही जानते कि तमाम ऐसी सेक्युलर पार्टी सिर्फ मुसलमानों का इस्तेमाल करना जानती है।
आपको अपने हक़ के लिए खुद लड़ना पड़ेगा और अगर आप खुद नही लड़ सकते तो जो हमारे भाई हमारी आवाज है जो हमारी ताक़त है उनको मजबूत करे उनका खुल कर समर्थन करे उनके रिहाई के लिए आवाज उठाए।
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शारजील ईमाम भाई की रिहाई के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार से आग्रह की अपील कर दे कि ऐ मुंसिफ अब इंसाफ़ करो शरजील ईमाम को रिहा करो।