नई दिल्ली : निवेश सलाह एवं साख निर्धारक एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर दो प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
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इक्रा ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि देश की जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में बढ़कर दो प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है। तीसरी तिमाही में यह 0.4 प्रतिशत रही थी। इससे जाहिर है कि हम दुबारा मंदी में जाने से बच जायेंगे। साथ ही उसने चौथी तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) के तीन प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है जो तीसरी तिमाही में एक प्रतिशत था।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा ”सरकार द्वारा सब्सिडी सहायता के प्रभावों को देखते हुये हमने वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में जीडीपी के जीवीए से कम रहने का पूर्वानुमान लगाया है। हमारा मानना है भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार को चौथी तिमाही में जीवीए ज्यादा बेहरत तरीके से रेखांकित करेगा।”
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नायर ने कहा कि वैक्सीन की उम्मीद में वैश्विक स्तर पर कॅमोडिटी की कीमतों में आये उछाल के बीच कच्चे माल की उंची कीमत से कुछ सेक्टरों के लाभ पर थोड़ा असर पड़ेगा। संतुलन बनाते हुये हम विनिर्माण जीवीए में चार प्रतिशत की तेजी की उम्मीद करते हैं जबकि तीसरी तिमाही में इसमें 1.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी।