नई दिल्ली। देशभर में कोविड 19 संकट के बीच कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुवार को हुई। इस बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कोरोना संकट और लॉकडाउन से उपजे हालातों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों, बेरोजगारों और गरीबों का मुद्दा उठाया और सभी परिवार के लिए 7,500 रुपये की केंद्र सरकार से की मांग।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब गुणवत्ता पर चिंता जाहिर की और कहा कि देश में कोविड 19 टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह बात काफी चिंता की बात है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप है।
इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये दिया जाना चाहिए।
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कांग्रेस अधियक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि तीन हफ्ते पहले हुई हमारी बैठक के बाद कोविड 19 महामारी काफी तेजी से फैली है और इसका प्रसार भी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
किसानों का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस की अधियक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों से किसानों बेहाल हैं और उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। अगले चरण के खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।
बता दें किपार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य, स्थायी एवं विशेष आमंत्रित सदस्य और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
इससे पहले दो अप्रैल को सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी जिसमें कोरोना संकट पर चर्चा करने के साथ सरकार से छोटे उद्योगों, किसानों, मजदूरों और वेतनभोगी वर्ग के लिए राहत की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि तीन हफ्ते पहले हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद से अब तक कोरोना वायरस महामारी ज्यादा फैल गई है जो परेशान करने वाली बात है।
समाज के हमारे कुछ वर्गों खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
उनके मुताबिक, वाणिज्य एवं उद्योग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है और करोड़ों लोगों की जीविका का साधन छिन गया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से बार बार बिनथ कि है कि कोविड 19 की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है।’ सोनिया गांधी ने सरकार से यह बिनती कि है, ‘एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं।
वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी।’