दिल्ली सरकार ने दिवाली उत्सव में राम मंदिर का मॉडल बनाकर मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है
(6 नवंबर, 2021)
नई दिल्ली।
अल्लाह को मानने वाले मौत से नहीं डरते, मौत तो एक दिन ज़रूर आनी है, मजलिस के सदस्य घर-घर जाकर मजलिस का संदेश पहुंचाएं, किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है ,दिल्ली के मुस्लिम विधायकों ने अपना ईमान और ज़मीर बेच दिया है इसलिए तो वो दीवाली के सरकारी प्रोग्राम में आरती कर रहें हैं
यह विचार ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने साउथ एमसीडी के पदाधिकारियों पर आधारित कैडर कांफ्रेंस के मौक़े पर हाज़रिन से ख़िताब करते हुए व्यक्त किए। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मुसलमान हर हालत में जीना जानते हैं उन्हें दुनिया से मोहब्बत नहीं बल्कि वह आख़िरत पर यक़ीन रखते हैं इसलिए मजलिस के कैडर को किसी से डरने की ज़रूरत नहीं । खुलकर मजलिस का पैगाम लोगों तक पहुंचाना चाहिए। एक इमाम की आवाज़ पर जिस तरह हम नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह हू अकबर की आवाज़ पर रुकूं और सज्दे करते हैं अब वक्त आ गया है कि सियासत में भी अपने इमाम की पैरवी करें हम सिर्फ दूसरों को दरी बिछाने और झंडा उठाने के लिए नहीं है बल्कि हमें तो दुनिया की इमामत के लिए भेजा गया है । बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की आवाज़ पर लबैक कहते हुए सियासत में हमें अपने इत्तेहाद का मुज़ाहिरा करना होगा। मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी नस्लें हिंदुस्तान में सर उठाकर चले तो सियासी तौर पर अपनी क़यादत का साथ दीजिए। हमने ही सबसे ज़्यादा कुर्बानियां दी और आज हम ही सबसे ज़्यादा महरूम हैं। हमारे सामने जिन्ना की आवाज़ पर लबैक कहने का विकल्प मौजूद था। लेकिन भारत के मुसलमानों ने दो क़ौमी नज़रिए का बहिष्कार किया और अपनी पसंद और मर्जी से भारत में रहने को पसंद किया। इसलिए हमारा दोहरा हक़ है एक पैदाइशी तौर पर भारतीय होने का और दूसरा भारत को मातृभूमि चुनने का। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि नाम निहाद सेक्युलर पार्टियों के चेहरों से नक़ाब उतर गया है । सांप्रदायिकता को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताने वाला केजरीवाल खुद सांप्रदायिक हो गया है दिल्ली के मुसलमान विधायकों ने अपना ईमान और ज़मीर बेच दिया है इसलिए तो वह दिवाली के सरकारी प्रोग्राम में आरती कर रहे हैं दिल्ली सरकार ने दीवाली उत्सव में राम मंदिर का मॉडल बनाकर मुसलमानों की भावनाओं को आहत पहुंचाई है
कैडर कॉन्फ्रेंस में संगठन सचिव अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी, प्रभारी सैयद अनवर इक़बाल नक़वी, ज़िलाध्यक्ष अरशद अशरफ़ी अफ़ज़ल ख़ान अफ़रीदी ,दिल्ली ज्वाइंट सेक्रेट्री के अलावा वार्ड अध्यक्षों, विधानसभा अध्यक्षों वगैरह ने भी संबोधन किया
कांफ्रेंस के कन्वीनर मोहम्मद नौशाद ने श्रोताओं का शुक्रिया अदा किया ।