नई दिल्ली, 21 दिसम्बर | दिल्ली सरकार ने मोहल्ला किलिनीक के तीन डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया जिसमें डॉक्टरों द्वारा दी गई दवा के कारण तीन बच्चों की मौत हो गई और 13 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा: सरकार ने तीनों डॉक्टरों को बर्खास्त कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.इसके अलावा सरकार ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखकर मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।
वहीं दिल्ली सरकार ने सीडीएमओ डॉ. गीता की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है.समिति को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
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बयान में कहा गया है कि जांच समिति के अध्यक्ष के साथ डॉ. गीता, नोडल अधिकारी एसीडीएमओ डॉ. अंजुम भूटिया, एसीडीएमओ इंदु सरना, एमओसीपीए अंशल मुद्गल सदस्य हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले चिकित्सा सेवा निदेशालय (डीजीएचएस) के डॉ सुनील कुमार ने 7 दिसंबर को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इन क्लीनिकों के डॉक्टरों को डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न दवा बंद करने के लिए नोटिस जारी करने को कहा था। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कलौटी सरन अस्पताल में कथित डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न विषाक्तता का पता चला था।
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उधर, डॉ. कुमार ने एक पत्र लिखकर मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों द्वारा इन बच्चों की मौत का कारण डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न के लगातार इस्तेमाल को बताया है।बता दें कि दिल्ली सरकार ने मोहल्ला किलिनीक के तीन डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया जिसमें डॉक्टरों द्वारा दी गई दवा के कारण तीन बच्चों की मौत हो गई है और 13 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।