उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में जगह-जगह दैनिक जागरण अखबार की प्रतियां जलाई जा रही हैं। लोग नाराजगी जाहिर करते हुए कह रहे हैं कि काफी समय से ये अखबार इरादतन दलित-पिछड़े समाज से आने वाले नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार करता रहता है।
इस बार मामला अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है, इसलिए अखबार का बहिष्कार करने वाले और उसकी प्रतियां जलाने वाले अधिकतर समाजवादी पार्टी के ही कार्यकर्ता हैं।
दरअसल दैनिक जागरण ने सस्ती शराब से जुड़ी एक खबर में कुतर्की ढंग से अखिलेश यादव की फोटो लगा दी, जिसके बाद इसे तमाम आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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अखबार की इस धूर्तता से नाराजगी जताते हुए समाजवादी पार्टी के फेसबुक पेज पर लिखा गया-
दैनिक जागरण अखबार के गोरखपुर संस्करण में राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी एवं पूर्व मुख्यमंत्री माननीय सांसद श्री अखिलेश यादव जी की तस्वीर गलत तरीके से छापने पर समूह को माफी मांगनी चाहिए। दोषी पर हो कार्रवाई, नहीं तो होगी वैधानिक कार्रवाई एवं बहिष्कार।
इसके साथ ही प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों में तमाम समाजवादी कार्यकर्ताओं ने दैनिक जागरण की प्रतियां जलाते हुए बहिष्कार की मांग की है।
फेसबुक पर दिलीप यादव ने लिखा है की, दैनिक जागरण अखबार ने आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के व्यक्तित्व को बदनाम करने की साज़िश की है इसलिए आज युवा साथियों ने दैनिक जागरण अख़बार की प्रतियाँ जलाकर समाज में दैनिक ज़हर को फैलने से रोकने का प्रयास अखबार को जलाकर किया।
बहिष्कार दैनिक जागरण अखबार।’दैनिक जागरण अखबार के गोरखपुर संस्करण में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी की तस्वीर बहुत ही गलत तरीके से छापी है।
दैनिक जागरण का चरित्र ही रहा है पिछड़े दलित आदिवासी मुस्लिम नेताओं की छवि को धूमिल करना, दैनिक जागरण पूरा मनुवादी अखबार है इसका पूर्णतया बहिष्कार होना चाहिए।
समाजवादी कैडर को चाहिए आज से ही इस अखबार की पूर्णतया बंदी हो, इस अखबार की पुरानी प्रतियों को घर में जलाकर प्रतीक स्वरूप निंदा की जाए।
इसी तरह रत्नेश शेफर्ड ने लिखा ‘यह अख़बार हद ये ज़्यादा बेशर्म है। समय समय पर इस तरह की घटिया हरकत करता रहता है। आज माफ़ी माँगेगा कल फिर से अपनी जातिवादी व सा!म्प्रदायिक सोच पर ही काम करेगा।
यह अख़बार खुलेआम संघ और भाजपा के एजेंडे को फैलाने का काम करता है। आज इस अख़बार को जलाकर इसका अंतिम संस्कार करें, यही हमारे देश और समाज के हित में है। देश व समाज हित में योगदान करें।
दरअसल अखबार की इस खबर को पढ़कर ऐसा लग रहा है कि अखिलेश यादव ने ऐसा कोई बयान दिया है कि ‘लॉकडाउन के बाद शराब सस्ती हो सकती है। जबकि अखिलेश यादव ने शराब या इससे जुड़े किसी भी मुद्दे पर अपनी कोई राय ही नहीं रखी है।’
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सपा नेत्री निधि यादव ने लिखा है, ये खबर जानबूझकर लोगों को भ्रमित करने की नीयत से छापी गई है , जिस भी पत्रकार ने ये खबर छापी है उस पर कठोर कार्यवाही हो, शर्म आनी चाहिए @JagranNews वालों को पूर्व मुख्यमंत्री की फ़ोटो फ़र्ज़ी तरीक़े से कहीं भी छापने के लिए, तत्काल माफ़ी माँगे, गलती सुधारें और स्पष्टीकरण दें।
क्योंकि दैनिक जागरण अखबार इससे पहले भी तरह-तरह के झूठ और दुष्प्रचार फैलाता रहा है इसलिए पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए इसे सिर्फ मानवीय भूल नहीं माना जा रहा है।