नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व के संकट और पार्टी के चिंताजनक हालात में बदलाव के लिए आवाज उठाने वाले 23 वरिष्ठ नेताओं का अंदर खाने समर्थन बढ़ रहा है। राहुल गांधी को नेतृत्व सौंपने की पैरोकारी कर रहा युवा ब्रिगेड अगर वरिष्ठ नेताओं पर हमला करता रहा तो देर-सबेर देशभर में पार्टी के करीब दो सौ नेता खुलकर वरिष्ठ नेताओं के पक्ष में आने को तैयार हैं।
स्पष्ट है कि सुधार चाहने वाले नेताओं की घेराबंदी की गई, तो कांग्रेस की कलह और बढ़ेगी। बदलाव की वकालत कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भाजपा एजेंट बताकर उन पर निशाना साधने की राहुल ब्रिगेड की कोशिश कारगर नहीं होगी।
राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नेताओं का बड़ा वर्ग सुधारों के सवाल को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश को बहानेबाजी और यथास्थिति बनाए रखने की जुगत मान रहा है। पार्टी के हालात पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले एक नेता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पार्टी के एक बड़े वर्ग को अपना राजनीतिक भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।
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ऐसे में बदलाव के सवालों पर बहानेबाजी से बात बिगड़ेगी और कई नेता खुलकर सामने आएंगे। इन सवालों को राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने से रोकने या गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह बताने के राजीव साटव, माणिक टैगोर और केसी वेणुगोपाल सरीखे नेताओं का प्रयास जारी रहा तो स्थिति बिगड़ेगी।
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पत्र लिखने वाले कुछ नेता अन्य नेताओं से गुपचुप संपर्क व संवाद भी कर रहे हैं। इनका यह भी कहना है कि सवाल उठाने वाले नेताओं की लड़ाई सोनिया गांधी या राहुल गांधी के खिलाफ नहीं, बल्कि ऐसे हालात में भी दरबारी संस्कृति को मिल रहे प्रश्रय के विरुद्ध है।