उत्तर प्रदेश: भीमराव अंबेडकर के 65वें महापरिनिर्वाण दिवस पर समाजवादी पार्टी ने अब्दुल्ला ग्राउंड में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज बाबा भीमराव अंबेडकर की देन है जो इस मंच से हम लोग बोल रहे हैं बाबा भीमराव अंबेडकर ने हमेशा गरीबों मजदूरों की आवाज उठाई है और उन्हें न्याय दिलाया है उनके बारे में पूरा देश जानता है लेकिन आज हम लोगों को इस भाजपा सरकार में बांटने का काम किया है कमाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह कोई कुंभ का मेला नहीं है चुनाव तो हर 5 साल में आते हैं मैं आपके वादे पर खरा उतरूंगा अपने क्षेत्र के लोगों के लिए दिन रात एक आवाज पर हाजिर होता हूं मेरे खून की जरूरत हो तो कमाल अख्तर वह भी देने को तैयार है संविधान का आदर व सम्मान करें।
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बाबा साहब भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। समाज को बढ़ाने में उनका अहम योगदान रहा है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें गरीब और वंचितों का मसीहा बताते हुए कहा ,आरक्षण के जरिये पिछडे और एससी समाज के लोगों को सरकारी नौकरी एवं योजनाओं में जो फायदा मिल रहा है, उसके शिल्पकार बाबा साहब ही हैं, बाबा साहब ने देश को एक मजबूत व सशक्त संविधान दिया हैं आज उनकी बदौलत देश मे गरीब तबके के लोग अपने वोट की ताकत से किसी की भी सरकार बना व गिरा सकते हैं ,डा.आंबेडकर ने शिक्षित हो, संगठित हो, संघर्ष करो का नारा दिया था, वह समता मूलक समाज की स्थापना चाहते थे, बाबा साहब अंबेडकर एक विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने दलित समाज, मजदूर वर्ग और महिलाओं के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और अभियान चलाए थे।
वे समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास के बारे में सोचने का काम करते थे, वर्तमान समय में संविधान पर खतरा है, भाजपा डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान को बदलना चाहती है, धार्मिक उन्माद फैलाकर लोगों की भावनाओं से खेला जा रहा है |समाज को पिछड़ों, दलितों एवं अल्पसंख्यक वर्ग में बांटकर तोड़ा जा रहा है, दलित समाज सदियों से सामंती तत्वों के उत्पीड़न का शिकार रहा है। आज भी उनको शासन-प्रशासन में आरक्षण के बावजूद जरूरी उचित स्थान नहीं मिलता है।
बड़ी तादाद में दलित समाज के लोग अमानवीय स्थितियों में जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं। अब उनको अपनी आवाज उठाने और अपना हक लेने से भी वंचित किया जा रहा है। बीजेपी की मानसिकता दलित विरोधी है। बीजेपी और आरएसएस आरक्षण को ही खत्म करना चाहते हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी कभी भी दलितों की आवाज को दबाने नहीं देगी और ना ही संविधान में किसी भी तरह का बदलाव होने देगी, उन्होंने कहा दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति एवं जीरो फीस को भाजपा सरकार ने लगभग समाप्त कर दिया है।
समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम करन निर्मल ने अपने संबोधन में कहा की डॉ.अंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। वे दलित समुदाय के लिए एक अलग राजनैतिक पहचान की वकालत करते रहे। डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक छुआछूत और जातिवाद के खात्मे के लिए काफी आंदोलन किए। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया। अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया था, जिसने भारतीय समाज को खोखला बना दिया था।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा बीजेपी सरकार ने अभी तक जनहित के लिए एक भी योजना लागू नहीं की। बल्कि सरकार ने तो समाज के दलित, वंचित और पिछड़ों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। श्रमिकों के लिए कहीं सुनवाई नहीं होती। पिछड़ों को किनारे कर दिया गया है। वहीं दलितों की सुरक्षा के लिए बने कानून खत्म किये जाने से उनका और उत्पीड़न बढ़ेगा।