निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक भी संकटग्रस्त यस बैंक में 600 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। यस बैंक के पुनर्गठन की योजना के तहत एक्सिस बैंक उसके 60 करोड़ शेयर 600 करोड़ रुपए में खरीदेगा।
इसके अलावा आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी ने भी यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है। कोटक महिंद्रा बैंक भी यस बैंक को उबारने में 500 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश करेगा।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एक्सिस बैंक ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में यस बैंक लिमिटेड के दो रुपए प्रत्येक के 60 करोड़ शेयर 8 रुपए के प्रीमियम पर 600 करोड़ रुपए में खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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यस बैंक में यह निवेश बैंकिंग नियमन कानून, 1949 के तहत प्रस्तावित योजना यस बैंक लिमिटेड का पुनर्गठन के तहत किया जाएगा।
सरकार ने शुक्रवार (13 मार्च) को यस बैंक के लिए रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है। भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 7,250 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।
इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक ने भी यस बैंक के 100 करोड़ शेयरों के अधिग्रहण के लिए उसमें 1,000 करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है। बीएसई में शुक्रवार को एक्सिस बैंक का शेयर 4.67 प्रतिशत की बढ़त के साथ 568.20 रुपए पर बंद हुआ।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार (13 मार्च) को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है। रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा।
रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर रोक लगाई थी। साथ ही ग्राहकों के लिए 50,000 रुपए तक निकासी सीमा तय की थी। यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगाई गई है।
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।
पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। बाकी अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
सीतारमण ने ये भी कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी। SBI के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपए से बढ़कर 6,200 करोड़ रुपए हो जाएगी। इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है।
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यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा। पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किए जाने के तीन दिन के अंदर यस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा।
साथ ही इस अधिसूचना के सात दिन के अंदर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा। बृहस्पतिवार (12 मार्च) को एसबीआई ने यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपए निवेश करने की मंजूरी दी थी।
यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपए निवेश की योजना से बहुत अधिक है।