पिछले कुछ समय से देश की सभी विपक्षी पार्टियों के नेता ईडी और सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। उनपर धनशोधन और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी नेता ईडी के इस कार्रवाई को विपक्षी की आवाज को कुचलने की साजिश बता रहे हैं।
विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग कर नेताओं को डराने, उन्हें फंसाने और उनकी आवाज़ को कुचलने की कोशिश कर रही है। ED और सीबीआई के छापे को लेकर विपक्ष ने संसद में कई बार मुद्दा उठाया है। विपक्षी दलों के आरोप को सत्ता पक्ष की तरफ से नकारते हुए कहा कि एजेंसियों की कार्रवाई गैर-राजनीतिक है।
इस मसले पर मुख्य विपक्षी पार्टियों के 9 नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को संयुक्त पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। केंद्र सरकार ED और सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों की बंद करने की कोशिश की जा रही है। पत्र में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ जांच धीमी गति से की जाती है। पीएम मोदी को ये संयुक्त पत्र BRS प्रमुख चंद्रशेखर राव, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, AITC प्रमुख ममता बनर्जी, NCP प्रमुख शरद पवार, उद्धव बालासाहेब ठाकरे के चीफ उद्धव ठाकरे, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा है। इन नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों की खराब होती छवि पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है।
विपक्षी पार्टियों का ये पत्र उस समय लिखा गया जब ED के जाँच के घेरे में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन को लिया गया। वहीं दूसरी तरह इन सब के बीच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थिति आवास पर सीबीआई ने छापा मारा और कई घंटों तक पूछताछ की। राबड़ी देवी के बाद दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से सीबीआई ने लगभग 2 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। ये पहला मामला नहीं है जब RJD के नेताओं के घरों पर छापेमारी हुई इससे पहले महागठबंधन के फ्लोर टेस्ट के समय आरजेडी के कोषाध्यक्ष व एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय, राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के आवास पर छापेमारी की गई।
पिछले साल मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा व UPA चेयरमैन सोनिया गाँधी और सांसद राहुल गाँधी को नेशनल हेराल्ड मामले में कई दिनों तक पूछताछ की गई। इसी साल कांग्रेस के छत्तीसगढ़ में हुए 85 वें राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले विधायक देवेंद्र यादव और अन्य कांग्रेसी नेताओं के घर छापे मारे गए। जिसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया था कि ये छापा सिर्फ अधिवेशन को रोकने और नेताओं को परेशान करने के लिए कराया जा रहा है।
महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (कांग्रेस, शिवसेना और NCP) की सरकार बनने के बाद लगातार वहाँ के नेताओं को ED और सीबीआई का सामना करना पड़ रहा है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत को मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के एक चॉल में 672 फ़्लैटों के पुनर्निमाण के मामले में ज़मीन के हेरफेर का आरोप लगाया था। जिसके चलते संजय राउत को 3 महीने जेल काटने के बाद सशर्त ज़मानत दी गई। NCP के नेता नवाब मलिक लगभग एक साल से जेल में हैं वहीं महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के माध्यम से विदेश में किए गए संदिग्ध लेनदेन के आरोप में ED ने गिरफ्तार किया और 50 दिनों बाद ज़मानत पर रिहा किया। साल 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान डीके शिवकुमार और उनके सांसद-भाई डीके सुरेश से नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की गई।
इसी तरह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री और खनन मंत्री के पद का दुरुपयोग करने का आरोप बीजेपी नेताओं द्वारा लगाया गया। जिसके बाद ईडी ने नवंबर 2022 में हेमंत सोरेन को समन भेजा। इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की साजिश की जा रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 से ईडी के जाल में विपक्ष के कई नेता रहे हैं। इसमें कांग्रेस (24), टीएमसी (19), एनसीपी (11), शिवसेना (8), डीएमके (6), बीजद (6), राजद ( 5), बसपा (5), एसपी (5), टीडीपी (5), आप (3), इनेलो (3), वाईएसआरसीपी (3), सीपीएम (2), एनसी (2), पीडीपी (2), इंडस्ट्रीज़ ( 2), अन्नाद्रमुक (1), मनसे (1), एसबीएसपी (1) और टीआरएस (1) के नेता रहे।
वहीं इसके विपरीत गौतम अदानी को लेकर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद बाद अदानी ग्रुप्स के शेयर्स में भारी गिरावट देखने को मिला। विपक्षी दलों ने हिंडनबर्ग के 88 सवालों को लेकर संसद में चर्चा की मांग की, जिसको लेकर सरकार पूरे मामले को टालते हुए नज़र आई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि ‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?’ ‘लोगों के हितों और एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में कभी कांग्रेस का चेहरा रहे व असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा पर चिटफंड घोटाला का आरोप लगा। ईडी और सीबीआई ने इस पूरे मामले को लेकर जांच पड़ताल शुरू किया और पूछताछ भी की। परंतु 2015 में हेमंत बिस्वा शर्मा ने भाजपा की सदस्यता ले ली, जिसके बाद से इस पूरे मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं द्वारा भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उन्हें क्लीनचिट दे दिया जा रहा है।
बंगाल में ममता के सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी व मुकुल रॉय पर नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई ने जांच शुरू की। साल 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ने बीजेपी का दामन थाम लिया बाद मुकुल रॉय पुनः TMC में चले गए, एक रिपोर्ट के अनुसार टीएमसी के 19 नेताओं पर ईडी और सीबीआई की जांच चल रही है। इसी तरह कर्नाटक के विधायक के पुत्र को 40 लाख रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, घर पर तलाशी के दौरान 6 करोड़ नकदी बरामद किया गया परंतु अभी तक ईडी और सीबीआई की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पिछले साल इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक पड़ताल में बताया था कि 2014 के बाद आठ सालों में नेताओं के ख़िलाफ़ ईडी के इस्तेमाल में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 121 राजनेता जांच के दायरे में आए जिनमें 115 विपक्षी नेता हैं यानी इस दौरान 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई हुई। इनमे ज्यादातर उन राज्यों में छापा पड़ा जहाँ विपक्षी पार्टियों की सरकार है।
देश के भिन्न-भिन्न सोच के विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियों और उन पर छापेमारी को लेकर कई बडे सवाल उठते हैं। जिनमे सबसे बड़ा सवाल कि इन सभी गिरफ्तारियों और छापेमारी की जद में सिर्फ विपक्षी नेता ही क्यों होते हैं? विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी से पहले उन पर लग रहे आरोपों की पहले निष्पक्ष और पारदर्शी जांच क्यों नहीं होती?