नई दिल्ली: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य विधानमण्डल के समक्ष राज्यपाल ने जो अभिभाषण पढ़ा उसमें न तो कुछ नयापन है और न ही उसमें प्रदेश के विकास की कोई मंशा ही दिखाई देती है। सच तो यह है कि बीजेपी सरकार की योजनाओं में भी आरएसएस के एजेण्डा की झलक दिखाई देती है। एक खास समुदाय के प्रति उपेक्षा का भाव इसमें जाहिर है।
समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कुछ कहे पर जनता को सब सच्चाई मालूम है कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल नाम और पत्थर बदलने में लगा दिए जबकि आज भी वह जनहित की ठोस योजनाओं की प्रस्तुति से वंचित है। नामों में कुछ हेरफेर के साथ राज्य सरकार ने जो योजनाएं पेश की है वे सामान्यतया वही है जिनका प्रारम्भ समाजवादी सरकार में हुआ था।
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चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नया कुछ करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों को ही गिना दिया गया है। एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार में लोग बिजली कटौती के चलते अंधेरे और भीषण तपिश में जीने को मजबूर है। राज्यपाल के अभिभाषण में किसानों, नौजवानों को गुमराह ही किया है। किसान की फसल औने पौने दाम पर बिक रही है।
यूपी में भाजपा राज में निवेश के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। समाजवादी सरकार ने तो आईटी हब बनाकर दिखा दिया, भाजपा कोई नया मॉडल भी नहीं बना सकी। नौजवानों को रोजगार के लिए कोई योजना नहीं है। भाजपा सरकार ने सिर्फ पेपर लीक और भर्ती घोटालों की सौगाते दी है।
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बेरोजगार नौजवानों की न्याय की मांग पर उन्हें सिर्फ लाठियों से पीटा गया। एक भी सैनिक स्कूल नहीं खोला गया। राज्यपाल ने भाजपा सरकार के थोथे दावों की पुस्तिका को ही पढ़कर अपने कार्यवृत्त की इति कर ली। इस किताब में कुछ भी सत्य नहीं है। जनता को भाजपा सरकार से गहरी निराशा ही हाथ लगी है।