आगा खुर्शीद खान
चंद्रयान-3 के साथ भारत ने एक बार फिर चांद की सतह पर पहुंचने की कोशिश शुरू की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी के वैज्ञानिक 14 जुलाई 2023 की दोपहर खुशी से झूम उठे। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया।
इस मिशन चंद्रयान 3 की टीम में मुजफ्फरनगर से एक मुस्लिम नौजवान का भी नाम शामिल रहा। एक जमाना था ज़ब मुजफ्फरनगर का नाम अपराध को लेकर बदनाम था, अब तस्वीर बदल रही है। यहां का युवा दुनियाभर में प्रतिभा की छाप छोड़ रहा है। जनपद की माटी में जन्मे अरीब आकाश गंगा में भारत की सफलता के साक्षी बने हैं। वह चंद्रयान-3 की लांचिंग में सेटेलाइट टीम का हिस्सा है। अब चंद्रमा पर भारत द्वारा विभिन्न खोज करने को उत्साहित है।
मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा रहे इसरो में वैज्ञानिक अरीब अहमद का कहना है कि चंद्रयान हमेशा मेरे दिल में बसा था। नौकरी शुरू की, तब से इस पर काम चल रहा था। किसी न किसी रूप में अभियान का हिस्सा बनकर खुशी मिली। अरीब के मुताबिक, वर्ष 2021 से वे इसरो में नौकरी कर रहे हैं, जब से उन्होंने इसरो ज्वॉइन किया हैं तभी से चंद्रयान-3 की तैयारी चल रही थी। आज इस टीम का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रहीं हैं, मिशन चंद्रयान-3 हमेशा मेरे दिल में बसा था।
मुज़फ्फरनगर के खतौली के मोहल्ला मिट्ठूलाल निवासी काजी महताब जिया के इकलौते पुत्र अरीब अहमद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में इंजीनियर (वैज्ञानिक) हैं। जिनकी वर्ष 2021 से तैनाती चेन्नई के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष परीक्षण केंद्र पर है। यहीं पर चंद्रयान-3 का निर्माण किया गया है। वह चंद्रयान- 3 की सेटेलाइट टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा दूसरी टीम प्रोजेक्ट कार्य करती है। चंद्रमा पर अभी तक भारत एक भी सफल प्रक्षेपण नहीं कर पाया है, लेकिन इस बार पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की है। इसका परिणाम चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण है। सेटेलाइट के माध्यम से ही राकेट की गति के साथ आकांश गंगा में उसके घूमने, गतिविधियों की जानकारी केंद्र तक आती है।
बता दें कि अरीब अहमद श्रीहरिकोटा में इसरो के इंजीनियर सेक्शन में वैज्ञानिक हैं, लगभग डेढ़ महीने पहले उनके सेक्शन को जांच के लिए चंद्रयान-3 मिला था, इनकी जांच के बाद ही चंद्रयान-3 दूसरे सेक्शन को भेजा था तथा बीते शुक्रवार को इसको लांच किया गया हैं।