राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस में फिर ‘रण’ शुरू हो गया है। सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़ा हमला बोला है।
सचिन पायलट इस अनशन से राजस्थान, मध्य प्रदेश के दलित मतदाताओं को अपनी ओर साध सकते हैं। राजस्थान में दलित मतदाताओं को लेकर भाजपा और बसपा के बीच एक तरह से प्लानिंग चल रही है, लेकिन अब सचिन पायलट इस अनशन के माध्यम से एक बड़ा सन्देश देने की तैयारी में हैं।
सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने और गहलोत ने वसुंधरा राजे की सरकार के खिलाफ उन आरोपों को एक साथ लगाया था। पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन राज्य अध्यक्ष के रूप में मैंने कुछ आरोप लगाए थे। मैं बदले की राजनीति में भरोसा नहीं करता। मगर विपक्ष के रूप में हमारी कुछ विश्वसनीयता थी और इसीलिए हम सत्ता में आए।
सचिन पायलट ने कहा कि लोगों को आश्वस्त करना आवश्यक था कि कांग्रेस सरकार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने बयानों और वादों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आबकारी माफिया, अवैध खनन, जमीन पर कब्जा और ललित मोदी शपथ पत्र मामले में कार्रवाई करने में विफल रही है।
पायलट ने कहा कि जहां केंद्र कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग कर रहा है, वहीं राजस्थान सरकार अपनी एजेंसियों का भी उपयोग नहीं कर रही है। पायलट ने कहा कि वह चाहते हैं कि यह सार्वजनिक डोमेन में आए उन्होंने कहा, जनता और कांग्रेस नेताओं को यह नहीं लगना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में अंतर है।