गुजरात के गांधीनगर की अदालत ने शिष्या से दुष्कर्म मामले में आसाराम बापू को दोषी करार दिया है। सजा पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत फैसला करेगी। सेशन जज डी के सोनी मंगलवार 31 जनवरी को सजा सुनाएंगे।
आसाराम का बेटा नारायण साई, पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती के साथ चार महिला शिष्याएं भी इस मामले में आरोपी बनाई गई थीं। लेकिन सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्यों पर गौर करते हुए अदालत ने आसाराम के अलावा बाकी सभी को बरी कर दिया।
लड़की के मुताबिक, जब वह सूरत में आसाराम के आश्रम में रह रही थी, तब उसके साथ रेप हुआ था। वहीं बड़ी बहन ने शिकायत में आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने कहा कि अहमदाबाद में आश्रम में आसाराम ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
आसाराम पर दुष्कर्म करने, अप्रकृतिक यौन संबंध बनाने, आपराधिक साजिश रचने, सबूतों को नष्ट करने आदि के आरोप हैं। आसाराम की पत्नी और बेटी सहित छह अन्य सह आरोपियों पर उकसाने, बंधक बनाने और साजिश रचने के आरोप थे, जिन्हें बरी कर दिया गया है।
आसाराम फिलहाल जोधपुर जेल में बेद हैं। 2018 में जोधपुर की कोर्ट ने उन्हें 16 साल की लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया था। इसके बाद आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।