मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए उद्धव सरकार ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को लेकर बड़ा फरमान जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार ने सभी प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों से 15 दिन सरकारी अस्पताल में सेवाएं देने को कहा है।
इसके साथ ही सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कोई डॉक्टर ऐसा करने से इनकार करता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। सरकार ने अपने इस आदेश में 55 साल के ऊपर के डॉक्टरों को छूट दी है।
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जानकारी के मुताबिक देश में कोविड 19 का मामला तेजी से बढ़ रहा है। देश में कोविड 19 से सबसे अधिक महाराष्ट्र प्रभावित दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र में कोविड 19 संक्रमित मरीजों की संख्या 15,525 हो चुकी है जबकि 616 लोगों की मौ!त हो चुकी है।
कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब उद्धव ठाकरे ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की तरफ रुख किया है। महाराष्ट्र सरकार ने फरमान जारी करते हुए राज्य के सभी प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों से 15 दिन सरकारी अस्पताल में काम करने को कहा है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि संकट की इस घड़ी में कोई भी प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाला डॉक्टर इससे इनकार नहीं कर सकता है। अगर कोई डॉक्टर ऐसा करता पाया जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
मुंबई में कोविड 19 के 635 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 9,758 हो गई है जबकि वायरस के कारण हुई 26 मौतों के साथ इससे मरने वालों की संख्या 387 हो गई है।
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अधिकारी ने बताया कि 635 नए मामलों में से 120 मरीजों में एक से 3 मई के बीच विभिन्न निजी प्रयोगशालाओं में संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि शहर के विभिन्न अस्पतालों में 406 नए संदिग्ध भर्ती कराए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि इलाज के बाद 220 मरीजों को छुट्टी दे दी गई।