नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी शनिवार को तीन और महीने के लिए बढ़ा दी गई है। फारूक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद कर लिया गया था। उनके साथ उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन समेत कई नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। इन नेताओं को गेस्ट हाउस से लेकर सरकारी बंगलों में रखा गया है।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलावों के बाद प्रशासन ने राज्य में कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। हालांकि बाद में उन प्रतिबंधों को एक एक कर हटा दिया गया। लेकिन इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं कश्मीर में अब भी बाधित हैं। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही इन प्रतिबंधों को भी हटा दिया जाएगा। उधर जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि किसी भी तरह ही अनहोनी के कारण सुरक्षा व्यवस्था में अब भी ढिलाई नहीं दी गई है।
जम्मू कश्मीर में बाजार और स्कूल सामान्य ढंग से खुल रहे हैं। सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज शुरू हो गया है। लेकिन प्रशासन ने वहां के स्थानीय नेताओं को अभी बाहर निकलने की छूट नहीं दी है।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन को पीएसए के पब्लिक ऑर्डर प्रावधान के तहत मुकदमा दायर किया है जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को बिना सुनवाई तीन से छह महीने तक जेल में रखा जा सकता है।
याचिका में वाइको ने आरोप लगाया था कि नेकां नेता को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि नेकां अध्यक्ष पर पीएसए के ‘सरकारी आदेश’ के तहत मामला दर्ज किया गया है जो किसी व्यक्ति को बगैर सुनवाई के तीन से छह महीने तक जेल में रखने की इजाजत देता है।