नई दिल्ली: मालदीव की पार्लियामेंट (आवामी मजलिस) के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने कहा है कि हमने जाकिर नाइक को अपने देश में जगह नहीं दी थी। नशीद ने शुक्रवार को कहा, जाकिर नाइक मालदीव में शरण मांगी थी, वो वहां आना चाहता था लेकिन हमने उसे रखने से इनकार कर दिया। नशीद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निमंत्रण पर भारत आए हुए हैं।
भारत आये मालदीव के संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने कहा, वह (जाकिर नाइक) मालदीव आने की कोशिश कर रहा था, लेकिन हमने उसे आने की इजाजत नहीं दी। नशीद से जब यह पूछा गया कि क्या मालदीव और मलेशिया के बीच नाइक के प्रत्यर्पण के लिए कोई बातचीत चल रही हो तो उन्होंने कहा, हाल ही में उसे मालदीव आने की इजाजत नहीं दी गयी, लिहाजा (मलेशिया और मालदीव के बीच) बातचीत हो रही है। नाइक (53), 2016 में भारत छोड़ मलेशिया भाग गया था, तब से भारत उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
आपको बता दें कि जाकिर नाईक ने मलेशिया में पिछले तीन सालों से शरण ले रखी है। नाईक के खिलाफ भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। इसके अलावा जुलाई 2016 में हुए ढाका अटैक के संबंध में भी उसके खिलाफ केस दर्ज है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की औपचारिक अपील की है, लेकिन मलयेशिया ने यह अपील ठुकरा दी है।
मलयेशिया भले ही जाकिर का प्रत्यर्पण करने से इनकार कर रहा हो, लेकिन वह खुद वहां की सरकार के मुसीबत बन गया है। उसने वहां रह रहे हिंदुओं और चीनीयों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था जिसके बाद उसके उपदेश देने पर रोक लगा दी गई थी।