विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स के ट्रायल से इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने छूट दी गई थी। उन्हें बिना ट्रायल के ही खेलों में जाने की अनुमति मिल गई थी। इसके खिलाफ उनके वेट कैटेगरी में लड़ने वाले जूनियर पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच ने गुरुवार को दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय पर एशियाई खेलों के ट्रायल से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट वापस लेने और निष्पक्ष ट्रायल कराने की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया था।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल की ओर से दायर की गई याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने विनेश और बजरंग को टूर्नामेंट में सीधे प्रवेश देने के खिलाफ अपील की थी।
बता दें कि विनेश और बजरंग को एशियन गेम्स के ट्रायल में मिली छूट के खिलाफ पहलवान अमित पंघाल और सुजीत कलकल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अमित और सुजीत की इस याचिका पर गुरुवार को पहली सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने एडहॉक कमेटी से पूछा था कि आखिर किस वजह से बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल्स से छूट दी गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ को 23 जुलाई को पहलवानों के नामों की सूची को ओसीओ को भेजनी है।