विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रन से हरा दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 469 रन बनाए थे। इसके जवाब में टीम इंडिया 296 रन पर सिमट गई थी और पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 173 रन की बढ़त मिली थी। ऑस्ट्रेलिया ने 270 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित की और भारत के सामने 444 रन का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में भारतीय टीम 234 रन पर सिमट गई और मैच 209 रन से हार गई।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का टर्निंग पॉइंट स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड की वह साझेदारी ही रही। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 285 रनों की साझेदारी बनाई। इस साझेदारी से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन ठोक दिए। फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में इंग्लैंड में पहली पारी में इतना बड़ा स्कोर होने के बाद टीम का हारना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
मैच के पांचवें दिन सभी को विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन ये दोनों ही बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाए और टीम इंडिया की नाव बीच मंझधार में छोड़कर पवेलियन लौट गए। कोहली ने 49 रन और रहाणे ने 46 रन बनाए। रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर जीरो रन बनाकर आउट हुए। श्रीकर भरत ने 23 रनों का योगदान दिया। उमेश यादव ने 1 रन बनाया। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट नॉथन लॉयन और स्कॉट बोलौंड ने झटके।
बता दें कि साल 2013 के चैंपियन ट्रॉफी फाइनल जीतने के बाद लगातार भारतीय क्रिकेट टीम 2015 और 2019 के वर्ल्ड कप सेमी फाइनल, 2017 के चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल, 2014 और 16 के T20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और इसके बाद दो बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मैं फाइनल में पहुंचकर भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। इन सभी हार के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड को पुनः लगातार निर्णायक मैच में हार के कारण की समीक्षा करने की जरूरत है।