उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों जहां प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबे पढ़ाने के फैसला लिया था वही अब मदरसों में ड्रेस कोड लाने का प्रस्ताव दिया गया है। अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा के अनुसार सरकार का एक मात्र उद्देश्य केवल यही है की मदरसों को भी अन्य शैक्षणिक संस्थानों की भाती देखा जाये । लेकिन अभी तक नए ड्रेस कोड पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है
सरकार के इस प्रस्ताव पर लोगो के अलग अलग प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली। जमात उलेमा हिन्द जो कि मुरादाबाद , रामपुर , और बिजनौर में मदरसे चलाने वाली एक संस्था है , के प्रमुख अशद रशीदी कहते है कि हम इस कदम का इस्तकबाल करेंगे अगर ये कदम मदरसों की बेहतरी की और है तो। वही दूसरी तरफ ऑल इण्डिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता अब्बास ने इस बड़े बदलाव पर सवाल खड़ा करते हुए ये कहा है कि हम इस पक्ष में नहीं है कि सरकार लोगो पर जबरदस्ती नया ड्रैस कोड लागु करे।
मोहसिन रज़ा इस बात पर ज़ोर देते हुए कहते है कि अब तक मदरसों के छात्रों द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र एक धर्म विशेष की पहचान करवाते रहे है। मदरसों में नया ड्रैस कोड आने के बाद मदरसों के छात्र भी अन्य स्कूली छात्रो की तरह ही दिखेंगे। साथ ही मोहसिन रज़ा भाजपा की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्य पार्टिया मुसलमानो को केवल वोट बैंक समझती है वही भाजपा ने मुसलमानो के साथ न्याय करते हुए सबका साथ सबका विकास में यकीन रखा है , और भाजपा सरकार मुसलमानो को मुख्य धारा में लाने के लिए मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा का आधुनिकीकरण करने के लक्ष्य पर काम कर रही है .