अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को टक्कर देने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने जा रही है। जिसमें कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी समेत 26 पार्टियों के नेता शामिल होंगे।
विपक्षी एकता की बढ़ती ताकत को दिखाते हुए बेंगलुरु में कुल 26 दलों के शामिल होने की उम्मीद है। यह संख्या पटना में हुई बैठक से नौ अधिक है। बताया जा रहा है कि इस बीच, विपक्षी नेता एक अनौपचारिक बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया रात्रिभोज आयोजित करेंगे और मंगलवार सुबह 11 बजे से एक मैराथन बैठक होगी।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी एकता बैठक की पहल नीतीश कुमार ने शुरू की थी, जिसकी पहली बैठक पिछले महीने पटना में आयोजित हुई। हालांकि बैठक की कवायद में नीतीश के बाद और उनसे अधिक बढ़-चढ़ कर जिस तरह सोनिया गांधी ने दिलचस्पी दिखाई है, उससे एक बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस ही विपक्षी एकता का नेतृत्व करेगी।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस मीटिंग को लेकर कहा कि आज देश में कई अहम मसले हैं, हम सत्ता के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आए हैं। हम इसी मीटिंग में संसद के मॉनसून सत्र के लिए रणनीति पर चर्चा करेंगे, ये बैठक गेमचेंजर साबित होगी। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि विपक्ष की एकता को देखकर, भाजपा की नींद उड़ गई है।
सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की मीटिंग के एजेंडे में तीन मुख्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। पहला- लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता, दूसरा- सीट शेयरिंग और तीसरा- UPA का नया नाम। इसके अलावा, यूनिफॉर्म सिविल कोड, मणिपुर हिंसा, 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ ही भाजपा की पार्टियों को तोड़ने की स्ट्रैटजी और उसके काउंटर प्लान पर भी चर्चा होगी।