लोकसभा चुनाव से पहले ही मोदी लहर का ख़ात्मा हो गया है। पांच राज्यों में हुए चुनावों में बीजेपी को करारा झटका लगा है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो पार्टी का 15 साल पुराना किला ढ़ह गया है। वहीं राजस्थान की सत्ता से भी बीजेपी को बेदखल कर दिया गया है। इसके साथ ही तेलंगाना और मिज़ोरम में भी जनता ने बीजेपी को सिरे से नकार दिया है। हिंदी पट्टी के राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं यानि वो बहुमत के आंकड़े से 2 सीट दूर रह गई है, ऐसे में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने उसे अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। बीएसपी के पास दो सीटे हैं, यानी बीएसपी के समर्थन से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी। वहीं राजस्थान की बात करें तो यहां कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं, जबकि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी को महज़ 73 सीटें ही मिली हैं। यहां कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सिर्फ 1 सीट की ज़रूरत है, जो उसे बीएसपी से मिल जाएगी। बीएसपी को राजस्थान में 6 सीटें मिली हैं और बीएसपी में राजस्थान में भी कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। एक्सिट पोल के आंकड़ों के भी उलट यहां कांग्रेस को बड़ी कामयाबी मिली है। 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि पिछले 15 साल से सत्तान पर काबिज़ बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट गई है। उधर, तेलंगाना और मिज़ोरम की बात करें तो बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इन दोनों राज्यों में बीजेपी को एक से ज़्यादा सीट नहीं मिली है। हालांकि इन दोनों राज्यों से कांग्रेस के लिए भी कोई अच्छी ख़बर नहीं है। मिज़ोरम में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है तो तेलंगाना में भी कांग्रेस की सीटें घटी हैं। लेकिन हिंदी पट्टी के राज्यों में कांग्रेस की इस जीत को बड़ी कामयाबी के रुप में देखा जा रहा है। लोकसभा से पहले बीजेपी के मज़बूत किलों का ढ़हा देना इस ओर इशारा है कि कांग्रेस लोकसभा में भी वापसी कर सकती है।