एक पुराने भाषण मामले में पहले संसदी गंवाने चुके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। राहुल गांधी एक और नए विवाद में फंस गए हैं। ताजा मामला कर्नाटक कांग्रेस का एक विज्ञापन का है। विज्ञापन में राहुल गांधी बीजेपी सरकार पर 40 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगा रहे हैं।
बीजेपी ने राहुल गांधी के अलावा सिद्दरमैया और शिवकुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटने के लिए विशेष अदालत ने मामले में संज्ञान लिया है। 27 जुलाई को बयान दर्ज किए जाएंगे। आईपीसी की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अदालत ने इस पर संज्ञान लिया है। इस मामले में सभी उत्तरदाताओं को मंगलवार रो समन जारी करने का आदेश दिया गया है।
पिछले महीने 9 मई को बीजेपी राज्य सचिव एस केशवप्रसाद ने शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की छवि खराब करने के लिए विज्ञापन जारी किए। इसमें भाजपा को लेकर झूठे दावे किए गए। शिकायत में कहा गया है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस साल पांच मई को समाचार पत्रों में विधानसभा चुनाव के लिए विज्ञापन जारी किया था।
शिकायत के मुताबिक, केपीसीसी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले पांच मई को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में दावा किया था कि राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ‘भ्रष्टाचार में लिप्त थी’ और उसने पिछले चार वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये लूटे हैं।
अदालत ने मामले का जिस तरह से संज्ञान लिया है उससे साफ है कि राहुल गांधी की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती हैं। वो पहले ही मानहानि के केस में फंसकर अपनी सांसदी गंवा चुके हैं। गुजरात की एक अदालत ने उन्हें मानहानि के केस में दो साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद उनकी सांसदी चली गई। हालांकि राहुल ने सजा के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन उस मामले में अभी अंतिम फैसला आना बाकी है।