कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी तरफ से अपील की गई है कि इस मामले में उन्हें सजा ना दी जाए। असल में हाई कोर्ट ने जब राहुल की सजा पर रोक नहीं लगाई थी, ये साफ हो चुका था कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाली है। अब उसी कड़ी में कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर दी है।
23 मार्च 2023 को बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी की शिकायत पर चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सज़ा सुनाई थी। इसी फैसले के चलते उनकी संसद सदस्यता भी चली गई, यही नहीं वो सज़ा की अवधि पूरी करने के बाद अगले 6 साल तक यानि 2031 तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए। इसके बाद अप्रैल में राहुल गांधी ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट का रुख किया। सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को अपील पेंडिंग रहने तक ज़़मानत तो दे दी लेकिन दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया। इस फैसले को राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी लेकिन हाई कोर्ट ने भी दोषी ठहराए जाने की मांग और इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह के 10 और मामले लंबित है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आपके खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित है। इस मौजूदा केस के बाद भी आपके खिलाफ कई मामले हैं। एक ऐसा ही मामला वीर सावरकर के पोते ने दाखिल किया है। ऐसे में आपकी सजा कोई अन्याय वाली बात नहीं है। आपकी सजा सही है और हम निचली अदालत के आदेश में कोई दखल नहीं देंगे। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।