बीते रविवार को अमेरिकी हवाई अड्डे से गिरफ्तार हुईं ईरानी चैनल की एंकर मरज़िया हाशमी की ग़ैर-क़ानूनी गिरफ़्तारी का अब विरोध शुरु हो गया है। नाइजीरिया और ब्रिटेन में एंकर की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिकी सरकार के खिलाफ़ ज़बरदस्त प्रदर्शन किया गया।

न्यूज़ वेबसाइट प्रेस टुडे के मुताबिक, नाइजीरिया की जनता ने प्रेस टीवी की महिला एंकर मरज़िया हाशमी की अमेरिका में हुई ग़ैर-क़ानूनी गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की। ब्रिटेन में भी इस्लामी मानवाधिकार परिषद ने एंकर की गिरफ़्तारी के विरोध में बीबीसी की इमारत के सामने बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रोजेक्टर के ज़रिए एंकर की रिहाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने प्रेस टीवी की एंकर की अमेरिका में हुई गिरफ़्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की और अमेरिकी पुलिस द्वारा महिला पत्रकार के साथ की गई अपमानजनक कार्रवाई पर अपना रोष व्यक्त किया।
नाइजीरियाई जनता ने एक ज़बरदस्त विरोध मार्च निकाल कर अमेरिकी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ से इस मामले में हस्तक्षेप करने और जल्द प्रेस टीवी एंकर मरज़िया हाशमी की रिहाई की मांग की।
बता दें कि अमरीकी मूल की पत्रकार मर्ज़िया हाशमी ईरान के प्रेस टीवी चैनल के लिए काम करती हैं। वह चैनल की सीनियर एंकर हैं। बीते रविवार को वह अपने बीमार भाई से मिलने के लिए अमरीका गई थीं लेकिन इससे पहले की वह अस्पताल पहुंचती उन्हें सेंट लूईस हवाई अड्डे पर बिना किसी प्रमाण के गिरफ़्तार कर लिया गया।
इससे पहले आईआरआईबी के प्रमुख प्रमुख अब्दुलअली अली अस्करी ने भी इस गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें इस्लामी विचारधारा रखने , स्वतंत्रता प्रेमी होने और क्रांति व प्रतिरोध के मोर्चे के समर्थन के कारण अमरीका में गिरफ्तार किया गया।

ग़ौरतलब है कि मर्ज़िया हाशमी का जन्म अमेरिकी राज्य कोलराडो में हुआ। उन्होंने पत्रकारिता में पढ़ाई की और इमाम ख़ुमैनी के व्यक्तित्व और विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने इस्लाम स्वीकार किया और ईरान चली आईं। इस्लाम स्वीकार करने से पहले उनका नाम मिलेन फ़्रैंकलिन था।