मीडिया के एक बड़े हिस्से को इन दिनों गोदी मीडिया का तमगा क्यों दे दिया गया है इसका ख़ुलासा अब ख़ुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ज़ुबानी कर दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया में उनके बहुत सारे चमचे हैं, जो उनके लिए काम करते हैं। दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि, “मीडिया में हमारे चमचे लोग बहुत हैं।

जो भी हम कहलवाना चाहें, कहलवा सकते हैं… मीडिया हमारे खिलाफ है, ये मैं नहीं मानता”। स्वामी ने अपने वीडियो में मीडिया में अपने चमचों का ज़िक्र तो किया है, लेकिन उन्होंने किसी भी पत्रकार का नाम नहीं लिया। हालांकि, उन्हें नाम लेने की ज़रूरत भी नहीं, क्योंकि मीडिया में उनके चमचे कौन हैं, यह बात किसी से छुपी नहीं है। अब स्वामी ने जब ख़ुद ही कबूल कर लिया है कि मीडिया में उनके चमचे हैं तो यह साफ़ हो गया है कि, मीडिया और बीजेपी का रिश्ता मालिक और चमचे वाला है। ये चमचा अपने मालिक की गोद में बैठा हुआ है। इसीलिए पत्रकार रवीश कुमार ने मीडिया को गोदी मीडिया नाम दिया था। पिछले 5 साल से देश का मीडिया जिस रंग में रंगा हुआ है, वो ये बताने के लिए काफ़ी है कि मीडिया का झुकाव इन पांच सालों में देश के असल मुद्दों की ओर कम और BJP और नरेंद्र मोदी की ओर ज़्यादा रहा है।

जब भी मोदी सरकार किसी भी मोर्चे पर विपक्ष के निशाने पर आती है तो गोदी मीडिया के पत्रकार उसके बचाव में अपना पूरे दम-ख़म के साथ उतर आते हैं। मीडिया का काम सत्ता से सवाल करना है, लेकिन इन पांच सालों में मीडिया को सत्ता से कम बल्कि विपक्ष से सवाल करते ज़्यादा देखा गया है। इन पांच सालों में कई पत्रकारों ने तो सत्तापक्ष की इस तरह प्रशंसा की है कि लोगों को उन्हें बीजेपी प्रवक्ता तक बनने की सलाह दे डाली गई है।