एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ किए भारत बंद प्रदर्शन के दौरान देश के कई राज्यों में जहाँ शांतिपूर्वक प्रदर्शन हुआ। वहीँ कुछ राज्यों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में भी दलित संगठनों द्वारा हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। यूपी पुलिस ने उपद्रव करने वालों की पहचान कर ली है। इस मामले में पुलिस अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन को हिंसात्मक रूप देने वाले 125 से ज्यादा लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान सामने आई वीडियो, सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरों के जरिए उन उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा पुलिस ये भी पता लगा रही है की इन लोगों का पुराना क्रिमिनल रेकॉर्ड तो नहीं है। पहचान हो जाने के बाद संपत्ति के नुकसान की भरपाई इन्हीं उपद्रवियों से कराई जाएगी।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उपपुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान बवाल कराने के साजिशकर्ताओं की तलाश तेज कर दी गई है। इनमें से ज्यादातर लोग चिन्हित कर लिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सावधानी के तौर पर सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है और लगातार नजर रखी गई है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह स्वयं पूरे प्रदेश पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को हुआ प्रदर्शन मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी जिलों में अधिक उग्र रहा। इन जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। जिलों को स्थानीय खुफिया दस्तों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं।