कोर्ट ने 4 मुस्लिम बेगुनाहों को किया रिहा, पुलिस ने गोकशी के आरोप में किया था गिरफ्तार बुलंदशहर हादसे से जुड़े कथित गोकशी के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मुस्लिम समुदाय के चार लोगों को कोर्ट ने बेकसूर बताया है, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है। जिन चार लोगों को रिहा किया गया है उनके नाम सर्फुद्दीन, आसिफ, साजिद और नन्हें खान हैं। रिहा होने के बाद सर्फुद्दीन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें पुलिस ने इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वह मुसलमान हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें बजरंग दल के नेता और मामले के मुख्य आरोपी योगेश राज के कहने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया।

सर्फुद्दीन ने बताया कि योगेश राज गांव की मदनी मस्जिद में चल रहे निर्माण कार्य का विरोध कर रहा था और वह उस मस्जिद की कमेटी के अध्यक्ष हैं। सर्फुद्दीन ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त और उसके बाद हम पुलिस से गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई। सर्फुद्दीन के मुताबिक, जेल में बीते 15 दिन उनकी जिंदगी के सबसे खराब दिन रहे। जिसने उनकी ज़िंदगी को बदलकर रख दिया। उन्होंने आर्थिक परेशानियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं। जेल में बंद होने के बाद परिवार को भयंकर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। सर्फुद्दीन ने बताया कि इस दौरान जो राशि उनके परिवार के पास थी, वह वकीलों के चक्कर में बर्बाद हो गई। जिसके चलते उनके परिवार को भारी परेशानियां उठानी पड़ीं। बता दें कि इसी महीने की 3 तारीख को बुलंदशहर में गोकशी की आशंका में भीड़ भड़क गई थी। भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हादसे में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली लग गयी थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
घटना की शुरुआत से ही योगी सरकार पर मामले में असंवेदशीलता बरतने के आरोप लगते रहे। बुलंदशहर हादसे के बाद सीएम योगी ने आला अफ़सरों के साथ बैठक में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के कातिलो गिरफ्तार करने के फरमान देने के बजाए आला अफसरों से गोकशी के आरोपियों को पकड़ने के आदेश दिए थे। सीएम के फरमान पर पुलिस ने ताबड़तोड़ कई गिरफ्तारियां कीं, जिन्हें अब कोर्ट ने ग़लत बता दिया है। वहीं हिं#सा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से दूर है।